Sunday, July 11, 2021

एक रियाल का महत्व










 कुछ लोग अरब की बर्बादी


देखने की ख्वाहिश मे इंतकाल कर गये
लेकिन कभी अरब की अच्छाई न देख सके
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एक रियाल का महत्व
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सन् 1939 में सऊदी अरब एक गरीब देश था
राजधानी रियाद के किसी स्कूल में एक शिक्षक पढ़ा रहे थे वह फलस्तीन के रहने वाले थे उनकी क्लास में एक दस साल का बच्चा पढ़ रहा था जिसका नाम सुलेमान था बच्चा पढ़ने में तेज़ था

शिक्षक ने देखा कि सुलेमान का पढ़ने में दिल नहीं लग रहा है वह कुछ उदास भी है शिक्षक ने पूछा कि क्या बात है सुलेमान ने बताया कि स्कूल में पिकनिक का प्रोग्राम है , बच्चों से कहा गया है कि जिन्हें पिकनिक जाना हो वह फलां टीचर के पास एक रियाल जमा करा दें मैं ने अपने वालिद से एक रियाल मांगा लेकिन वालिद ने इंकार कर दिया और कहा कि मेरे पास पैसे नहीं हैं दूसरे बच्चों को जाने दो तुम न जाओ
शिक्षक से बच्चे की यह हालत देखी न गई उन्होंने बच्चे को एक रियाल देना चाहा लेकिन कुछ सोच कर रुक गए क्लास के बच्चों से कहा कि मैं एक प्रश्न पूछता हूं जो सही उत्तर देगा मैं उसे एक रियाल इनाम दूंगा शिक्षक ने प्रश्न पूछा सुलेमान ने जवाब दिया और टीचर ने उसे एक रियाल इनाम में दे दिया सुलेमान की खुशी का ठिकाना न रहा वह काफ़ी खुश था साथ ही उसे एहसास था कि सर ने जानबूझकर ऐसा प्रश्न पूछा है जिसका जवाब मैं ही दे सकूं बहरहाल वह बच्चा था पिकनिक जाने की खुशी में सब कुछ भुला दिया
इस घटना के लगभग 25 वर्ष बाद वह फलस्तीनी शिक्षक रियाद में अपने घर में बैठे थे बूढ़े हो चुके थे स्कूल से रिटायर कर दिए गए थे दूसरे देश में एक रिटायर्ड की जो हालत होनी चाहिए थी वही हालत उनकी थी वह चाहते थें कि बड़े बेटे को कोई मुनासिब नौकरी मिल जाए तो वह सऊदी अरब छोड़ कर अपने वतन फलस्तीन लौट जाएं
एक दिन उनके घर के बाहर एक लक्जरी कार आ कर रुकी जिसमें से एक जवान आदमी उतरा सलाम करने के बाद पूछा सर मुझे पहचानते हैं टीचर ने कहा कि नहीं उस आदमी ने कहा कि मैं आप का चेला सुलेमान हूं जो फलां सन में फलां क्लास में पढ़ता था टीचर को याद आया बातचीत होती रही जिस में उन्हें पता चला कि यह उनका चेला कोई और नहीं बल्कि देश का मशहूर पूंजीपति व अल राजही बैंक का मालिक सुलेमान अल राजही है जो बड़ी मुश्किल से उन्हें ढूंढता हुआ यहां पहुंचा है
कुछ देर बाद सुलेमान अल राजही ने कहा कि सर मैं आपको एक रियाल वापस करना चाहता हूं जो मेरे ऊपर कर्ज है टीचर ने कहा कि वह कर्ज नहीं तुम्हारा इनाम था सुलेमान ने कहा कि मुझे पता है आप को वह एक रियाल लेना पड़ेगा आप मेरे साथ चलिए टीचर ने कहा कि कहां चलना है सुलेमान ने कहा कि आइए थोड़ी देर में आप वापस आ जाइएगा
सुलेमान अपने उस्ताद को बड़े ही आदर के साथ गाड़ी में बैठाकर चले कुछ देर बाद गाड़ी एक बड़े बंगले में जा कर रुकी सुलेमान ने पूछा कि सर बंगला कैसा है शिक्षक ने कहा कि शानदार सुलेमान ने कहा कि आज से यह बंगला यह गाड़ी आप की हुई साथ ही घर खर्च के लिए एक रकम हर माह आप को मिलती रहेगी और आपके बड़े बेटे की जाब भी पक्की
शिक्षक गुंग हो गए कुछ बोल न सके थोड़ी देर बाद जब हालत संभली तो कहा कि सुलेमान यह बहुत ज्यादा है सुलेमान ने कहा कि सर आज मुझे कोई इस तरह के दस बंगले और दस गाडियां दे तो वह ख़ुशी नहीं होगी जो उस दिन एक रियाल से हुई थी
यह सुलेमान अल राजही जिन की पूंजी एक समय 5.9 अरब डॉलर थी और वह विश्व के 168 नंबर के मालदार थे शुन्य से ऊपर उठे और व्यापार जगत पर छा गए
लेकिन अपनी हकीकत न भूलें अपनी दो तिहाई दौलत दान कर दी और इस तरह वह विश्व के छठे सबसे बड़े दानवीर बने सऊदी अरब के कसीम प्रांत में दो लाख खजूर के पेड़ वाला एक बाग हाजियों के लिए वक्फ कर दिया जो दान में दी गई विश्व की सबसे बड़ी संपत्ति है
हालात की मार से खुद अधिक पढ़ नहीं सके थे लेकिन अपने समाज को एक युनिवर्सिटी एक मेडिकल कॉलेज और कई कालेज दिए पुरे विश्व में मस्जिदें बनवाईं जिनमें रियाद और मक्का की मस्जिदें बहुत शानदार हैं यहां उनकी उनके बाग युनिवर्सिटी और मस्जिदों की तस्वीर दी जा रही हैं