MIDDLE EAST AUR SHIA FITNA
इराक की सद्दाम हुकूमत जो की एक सुन्नी हुकूमत थी उस हुकूमत से सबसे बड़ी परेशानी ईरान की शिया हुकूमत को थी क्यूँ के सद्दाम के रहते हुए ईरान कभी भी अपनी ताकत नहीं बड़ा सकता था
सद्दाम हुकूमत को अमेरिका इत्तेहाद ने इस लीये उखाड़ फेका क्यूँ की उसे शक था की सद्दाम के पास किमियावी असलहे हैं जो बाद में झूठ साबित हुआ
सद्दाम हुकूमत को अमेरिका इत्तेहाद ने इस लीये उखाड़ फेका क्यूँ की उसे शक था की सद्दाम के पास किमियावी असलहे हैं जो बाद में झूठ साबित हुआ
अब देखिये बसरुल असद की शिया सीरियाई हुकूमत को जिसने किमियावी हथियारों का खुला इस्तेमाल करके दो लाख लोगों को मौत देदी और दस लाख को बेघर कर दिया पर अनेरिका और उसके इत्तेहादी सिर्फ गीदड़ भभकी देने से ज्यादा कुछ नहीं पाए
शियावों की एक तंजीम हिजबुल्लाह जिसने इसराइल को नाको चने चबवा दिए जिसने इसराइल के शहरो पर रॉकेट हमले कर के उसे घुटने टिका दिए पर इतना सबकुछ करने के बाद भी इस तंजीम का सरगना हसन नसरुल्लाह को ना तो अमेरिकन ड्रोन और ना इस्राइली मुसाद कोई भी टारगेट नहीं कर पाया और ये तंजीम दिन ब दिन अपनी ताकत बढ़ा कर आज पुरे अरब में छा गया
इराकी जंग में शियाओं की एक और तंजीम मेहदी आर्मी के नाम से अमेरिका और इत्तेहदियों के खिलाफ हमलावर हुई अमेरिका को काफी परेशान किया बदले में अमेरिका ने उसके पसंद की इराक में हुकूमत कायम की जिसे अमेरिका का दुश्मन ईरान का भी समर्थन मिला और इस हुकूमत ने इराक में सुन्नी मुसक्नानो की नसलकसी शुरू कर करदी जिसके नतीजे में इराक जहन्नम बन गया
यमन जहाँ शियाओं की तंजीम हुजी और अल कायदा मैदान में थी पर अनेरिका ने ड्रोन से सिर्फ अल कायदा को ही निशाना बनाया और उसे कमजोर करता रहा और हुजी दिन ब दिन अपनी ताकत बढाती रही जिसका नतीजा आज सब के सामने है
अफगान तालिबान जो की एक सुन्नी सरियत पसंद हुकूमत थी उसे सिर्फ इसलिए जंग में झोका गया क्यूँ के उसने अमेरिका में दो टावरो के उड़ाने वाली तंजीम अल कायदा के मुखिया ओसामा को सौपने से इंकार किया की अमेरिका ने इस हादसे की सुबूत मांगने पर देने से इंकार किया इस हादसे की जिम्मेदारी कभी भी अल कायदा ने नहीं लिया और अब ये बात कई अमेरिकन और युरोपियन बुद्धिजीवी भी कहने लगे हैं ये हादसा अमेरिका के प्लान का ही एक हिस्सा था तालिबान के खेलाफ़ जंग में ईरान अमेरिका को ख़ुफ़िया इत्तला देता रहा और उसकी मदद करता रहा और दूसरी तरफ अमेरिका और इसराइल न्युकिलियर मसले पर ईरान को धमकाते रहे और ईरानी सदर भी उसके जवाब में दहाड़ते रहे पर आज तक अनेरिका और इसराइल ने एक मिसाइल भी ईरान पर नहीं मारा
मिस्र की अवाम के जरिये मुन्खातिब इखवान हुकूमत सिर्फ एक साल में ही उखाड़ फेकी गई अमेरिका और यूरोप जो की अपने आप को जम्हूरियत का अलमदार कहते नहीं अघाते खामोश ये सब देखते रहे क्यूँ की ये सब कुछ अमेरिका के इशारे पर ही हो रहा था
असल में मिस्र की सुन्नी शरियत पसंद हुकूमत ने अपने इख्तदार में आते ही फिलिस्तीनियों के लिए अपने सरहद खोल दिए और उन्हें खाने पिने के सनान दवाएं वगैरह मुहय्या कराने लगी और इसराइल के जुल्म के खिलाफ आवाज बुलंद करदी दूसरी तरफ सीरिया के सुन्नी मुसलमानों के हक़ में आवाज बुलंद कर दी
अब अगर कोई ये कहे की अमेरिका इत्तेहादी और इस्राईलर ईरान सीरिया हिजबुल्लाह मेहदी आर्मी और हुजी का मुखालिफ और दुश्मन है तो इसे मेरा अक्ल कैसे तस्लीम करेगा जबकि पूरी किताब तो मेरे सामने खुली पड़ी है बलके मेरा ये कहना है की यहूद नसारा और शिया तीनो मिलकर सुन्नी शरियत पसंद मुस्लिम हुकूमत और अवाम को ख़त्म करके इसराइल के ग्रेटर इसराइल के सपने को साकार करने में लगी हैं और दज्जाल के इस्तकबाल के लिए रास्ता हमवार कर रही हैं
इनका एक दुसरे के खिलाफ तीखा बयानबाजी सिर्फ और सिर्फ एक नौटंकी के सिवा कुछ नहीं जिससे ये दुनिया को बेवकूफ बना सके