नाम- मोहम्मद आमिर
उम्र – 33 साल
सजा - 14 साल बिना सबूत बिना गवाह जैल कि सलांखो के पिछे, गुनाह – मुसलमान होना
आमिर जब 18 साल के थे पुलिस ने उन्हे आंतकवादी होने के शक में गिरफ्तार कर लिया था ।बाद में पुलिस ने उस पर 1997 में हुए दिल्ली और दिल्ली के सटे एनसीआर में हुए बम विस्फोट के साजिश रचने , और बम प्लान्टिंग का आरोप लगाया । उसमें खिलाफ पुलिस ने 20 चार्जेस लगाये जिसमें से देश के खिलाफ युद्ध छेड़
न
ा , हत्या .और आतंकवाद था ।
आमिर को अपनी बेगुनाही साबित करते – करते उसे 14 साल जेल में बिताना पड़ा। अदालत ने 20 आरोपो में से 18 आरोपो से बा-ईज्जत बरी कर दिया । पुलिस की तरफ से लगाया कोई आरोप साबित नही कर पायी । यहां तक उसके खिलाफ एक चश्मदीद या एक सबुत अदालत में पेश नही कर पाई । दिल्ली की एक अदालत ने आमिर को पुरी तरह बेगुनाह बताया लेकिन इस बेगुनाही की कीमत 14 साल जेल मे रह कर उसे चुकानी पड़ी । उसके वकील एन. डी . पंचौली का कहना है कि यह केस पुलिसिया कार्रवाही पर सवाल उठाता है जो दबाव और गलत अवधारणा पर काम करती हैं। आमिर को महज शक के आधार पर गिरफ्तार किया गया था।
पुलिस ने उसे बम धमाकों का मास्टर माइंड तो बता दिया लेकिन उसके खिलाफ एक सबुत तक नही जुटा पायी। अब सवाल यह उठता है कि इंसानो के समन्दर में अकेले आमिर को ही पुलिस ने बम धमाकों का आरोपी कयों बताया ? इसका जवाब में बताता हुं
आमिर एक मुसलिम हें और उसका यही गुनाह हें!
आमिर को 14 साल बाद बा-ईज्जत बरी कर दिया गया! 14 साल तक जिस इंसान को बै-इज्जत किया ना जाने कितनी यातनाए दि गई ,
एक बाप अपने बैटे को बै-गुनाह साबीत करते करते, ये सपना अपनी आँखो में लिए दुनिया से चला गया
एक माँ ने अपना सब कुछ खो दिया, यहाँ तक कि आमिर कि माँ का ब्रेन हेमरेज की वजह से उसकी आवाज खो देना !
इन 14 सालों में उसके अपने शहर दिल्ली में और उसकी अपनी जिंदगी मे काफी बदलाव आये है जो उसे जेल से रिहा होने के बाद उसे साफ दिखने लगा है ।मसलन आमिर के लिए दिल्ली मे मेट्रो का चलना , मोबाइल फोन का आम चलन में आना , दिल्ली फ्लाई ओवर से घिरा होना यह सब नया है । लेकिन कुछ बदलाव उसके जिंदगी मे भी हुए है जैसे आमिर के रिहाई से पहले आमिर के अब्बु का इंतकाल हो गया ,उसका केस लड़ते लड़ते उनकी माली हालात खराब हो गयी थी । ब्रेन हेमरेज की वजह से उसकी अम्मी का आवाज खो देना है।जाहिर ये बदलाव किसी के जिंदगी के लिए अच्छे नही है अब आमिर को अपनी जिंदगी सुन्य “0” से शुरू करनी पड़ रही है।
और इन सब का जिम्मेदार हें हमारे देश का कानून और पुलीस जिनको हर बम्ब बलास्ट के पिछे एक मुस्लिम नज़र आता हें! और आनन फानन में किसी मुस्लिम को पकड़ लिया जाता हें उस पर जबरदस्ती कि जाती हें उसको मार मार कर जबरद्स्ती गुनाह कबुल करवाया जाता हें वाह-रे हिन्दुस्तान के कानून और पुलीस, आज आमिर को बा-ईज्जत बरी कर दिया, मगर क्या आमिर कि जो ईज्जत 14 सालो तक उछाली गई क्या ईस देश का कानून उसे वापस लोटा सकता हें, क्या आमिर के अब्बु को दिल्ली पुलीस लोटा सकती हें, क्या आमिर कि माँ कि आवाज़ लोटा सकती हें जिस से आमिर आज अपनी माँ के मुह से बैटा लफ्ज सुनने को तरस रहा हें, नही लोटा सकता क्युकि आँख के अन्धे और कान के बहरे इस कानून को सुनाई देता हें तो बस गान्धी छाप नोटो कि खनखनाहट और दिखाई देता हें तो नेताओ के जुतो कि चमक,.......
ये आमिर की कहानी थी, यकीकन ये अकेले आमिर की कहानी नही है देश के हजारों नौजवान मुसलिम जेल में सड़ रहे है हमारी जेलें ऐसे लोगों से भरी पड़ी हैं, जिन पर कभी मुकदमा नहीं चलाया गया। हमारी अदालतों के गलियारे ऐसे लोगों से भरे पड़े हैं, जिन्हें अपनी सफाई में कभी कुछ कहने का कोई मौका नहीं मिला।
अखीर कब तक ये सब चलता रहेगा, कब तक मुसलमान कानून, सियासत, नेताओ कि भैट चडते रहेंगे
कब तक RSS बजरंग दल और उनके जैसे आंतकी संगठ्नो से डरते रहेंगे ।
आज आमिर तो रिहा हो गया मगर कल आमिर कि जगह आप भी हो सकते हें अगर जिना हें तो नीन्द से जागना पड़ेगा, आखिर कब तक सोते रहोगे, हमे दुसरा आमिर नही बनना हैं! अपने हाथ
मजबुत करो और फिर्क़ा वाद में फंस कर लड़ना बन्द करो और एक होकर खड़े हो जाओ
एकता में वोह ताकत हें कि बड़े से बड़े युद्ध में फतह हासील कि जा सकती हें।
#UmairSalafiAlHindi
#IslamicLeaks
ा , हत्या .और आतंकवाद था ।
आमिर को अपनी बेगुनाही साबित करते – करते उसे 14 साल जेल में बिताना पड़ा। अदालत ने 20 आरोपो में से 18 आरोपो से बा-ईज्जत बरी कर दिया । पुलिस की तरफ से लगाया कोई आरोप साबित नही कर पायी । यहां तक उसके खिलाफ एक चश्मदीद या एक सबुत अदालत में पेश नही कर पाई । दिल्ली की एक अदालत ने आमिर को पुरी तरह बेगुनाह बताया लेकिन इस बेगुनाही की कीमत 14 साल जेल मे रह कर उसे चुकानी पड़ी । उसके वकील एन. डी . पंचौली का कहना है कि यह केस पुलिसिया कार्रवाही पर सवाल उठाता है जो दबाव और गलत अवधारणा पर काम करती हैं। आमिर को महज शक के आधार पर गिरफ्तार किया गया था।
पुलिस ने उसे बम धमाकों का मास्टर माइंड तो बता दिया लेकिन उसके खिलाफ एक सबुत तक नही जुटा पायी। अब सवाल यह उठता है कि इंसानो के समन्दर में अकेले आमिर को ही पुलिस ने बम धमाकों का आरोपी कयों बताया ? इसका जवाब में बताता हुं
आमिर एक मुसलिम हें और उसका यही गुनाह हें!
आमिर को 14 साल बाद बा-ईज्जत बरी कर दिया गया! 14 साल तक जिस इंसान को बै-इज्जत किया ना जाने कितनी यातनाए दि गई ,
एक बाप अपने बैटे को बै-गुनाह साबीत करते करते, ये सपना अपनी आँखो में लिए दुनिया से चला गया
एक माँ ने अपना सब कुछ खो दिया, यहाँ तक कि आमिर कि माँ का ब्रेन हेमरेज की वजह से उसकी आवाज खो देना !
इन 14 सालों में उसके अपने शहर दिल्ली में और उसकी अपनी जिंदगी मे काफी बदलाव आये है जो उसे जेल से रिहा होने के बाद उसे साफ दिखने लगा है ।मसलन आमिर के लिए दिल्ली मे मेट्रो का चलना , मोबाइल फोन का आम चलन में आना , दिल्ली फ्लाई ओवर से घिरा होना यह सब नया है । लेकिन कुछ बदलाव उसके जिंदगी मे भी हुए है जैसे आमिर के रिहाई से पहले आमिर के अब्बु का इंतकाल हो गया ,उसका केस लड़ते लड़ते उनकी माली हालात खराब हो गयी थी । ब्रेन हेमरेज की वजह से उसकी अम्मी का आवाज खो देना है।जाहिर ये बदलाव किसी के जिंदगी के लिए अच्छे नही है अब आमिर को अपनी जिंदगी सुन्य “0” से शुरू करनी पड़ रही है।
और इन सब का जिम्मेदार हें हमारे देश का कानून और पुलीस जिनको हर बम्ब बलास्ट के पिछे एक मुस्लिम नज़र आता हें! और आनन फानन में किसी मुस्लिम को पकड़ लिया जाता हें उस पर जबरदस्ती कि जाती हें उसको मार मार कर जबरद्स्ती गुनाह कबुल करवाया जाता हें वाह-रे हिन्दुस्तान के कानून और पुलीस, आज आमिर को बा-ईज्जत बरी कर दिया, मगर क्या आमिर कि जो ईज्जत 14 सालो तक उछाली गई क्या ईस देश का कानून उसे वापस लोटा सकता हें, क्या आमिर के अब्बु को दिल्ली पुलीस लोटा सकती हें, क्या आमिर कि माँ कि आवाज़ लोटा सकती हें जिस से आमिर आज अपनी माँ के मुह से बैटा लफ्ज सुनने को तरस रहा हें, नही लोटा सकता क्युकि आँख के अन्धे और कान के बहरे इस कानून को सुनाई देता हें तो बस गान्धी छाप नोटो कि खनखनाहट और दिखाई देता हें तो नेताओ के जुतो कि चमक,.......
ये आमिर की कहानी थी, यकीकन ये अकेले आमिर की कहानी नही है देश के हजारों नौजवान मुसलिम जेल में सड़ रहे है हमारी जेलें ऐसे लोगों से भरी पड़ी हैं, जिन पर कभी मुकदमा नहीं चलाया गया। हमारी अदालतों के गलियारे ऐसे लोगों से भरे पड़े हैं, जिन्हें अपनी सफाई में कभी कुछ कहने का कोई मौका नहीं मिला।
अखीर कब तक ये सब चलता रहेगा, कब तक मुसलमान कानून, सियासत, नेताओ कि भैट चडते रहेंगे
कब तक RSS बजरंग दल और उनके जैसे आंतकी संगठ्नो से डरते रहेंगे ।
आज आमिर तो रिहा हो गया मगर कल आमिर कि जगह आप भी हो सकते हें अगर जिना हें तो नीन्द से जागना पड़ेगा, आखिर कब तक सोते रहोगे, हमे दुसरा आमिर नही बनना हैं! अपने हाथ
मजबुत करो और फिर्क़ा वाद में फंस कर लड़ना बन्द करो और एक होकर खड़े हो जाओ
एकता में वोह ताकत हें कि बड़े से बड़े युद्ध में फतह हासील कि जा सकती हें।
#UmairSalafiAlHindi
#IslamicLeaks