Friday, February 4, 2022

पता नहीं सैय्यदना हसन से शिया के नज़दीक ऐसा कौनसा जुर्म हुआ है के वह उन्हे इस क़दर याद नहीं करते जैसा सैय्यदना हजरत हुसैन को याद करते हैं,

 



पता नहीं सैय्यदना हसन से शिया के नज़दीक ऐसा कौनसा जुर्म हुआ है के वह उन्हे इस क़दर याद नहीं करते जैसा सैय्यदना हजरत हुसैन को याद करते हैं,

सैय्यदना हुसैन की सीरत खूब सुनाते हैं और सैय्यदना हसन की सीरत के बाब को बड़ी चालाकी से गोल कर जाते हैं,
आप उनके सोशल मीडिया पर जाकर पेज देख लें, ग्रुप देख लें, उनके जाकिरीन की महफिलें देख लें, अजादारी की मजलिसें देख लें , उनके इमाम बाड़ों में जाकर उनके प्रोग्राम सुन लें बस हज़रत हुसैन का तजकिरा मिलेगा , और हजरत हसन का ज्यादा से ज्यादा पंजतन पाक के तौर पर दीवारों, पोस्टरों, और बैनरों पर नाम लिख देंगे ,
लेकिन जिस जोश वा मुहब्बत और गुलु के साथ सैय्यदना हुसैन का तजकिरा करते हैं, उनके नाम के नारे लगाते हैं इस तरफ सैय्यदना हसन का तजकिरा नहीं करते और ना उनके नाम के नारे लगाते हैं,
पता नहीं उनके नज़र में सैय्यदना हसन का ऐसा कौनसा कसूर है जिसने उन्हे इस कदर नजर अंदाज करने पर मजबूर कर दिया ,
कहीं ये लोग सुलह हसन से तो खफा नहीं हैं ??
साभार: शैख कमालुद्दीन सनाबिली
तर्जुमा: Umair Salafi Al Hindi
Blog: Islamicleaks