Saturday, February 19, 2022

मौलाना अबुल कलाम आज़ाद

 



हमारी हस्ती सिर्फ दिल और रूह की सच्चाइयों पर कायम है, अगर खज़ाना खतम हो जाए तो फिर जमा किया जा सकता है, अगर फौजें कट जाएं तो दोबारा बनाई जा सकती हैं, अगर हथियार छिन जाए तो कारखानों में दोबारा ढाले जा सकते हैं, लेकिन अगर हमारे दिल का ईमान जाता रहा तो वह कहां मिलेगा ??

अगर कुरबानी और हक़ परस्ती का जज़्बा लुट गया तो वह किस से मांगा जाएगा ??
(मौलाना अबुल कलाम आज़ाद)