आपको क्या लगता है पगड़ियों की इज्ज़त हमेशा औरत ही चुकाती है ?
आपको लगता है मुहब्बत सिर्फ औरत ही करती है ?
आपने कभी मुहब्बत में हारा हुआ मर्द नहीं देखा, आखिर मर्द जो ठहरा !!! शिकस्त को चेहरे पर नहीं लाता दुख को आंखों से नहीं बहाता ,
जिम्मेदारियों के बोझ से निढाल अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी शिकस्त को खामोशी से कुबूल करके उस ज़ख्म को सीने में दबा देता है, यहां तक के मुहब्बत का ज़ख्म नासूर बनकर उसको वक्त से पहले बूढ़ा करके कब्र तक ले जाता है
साभार: बहन अनम