Wednesday, February 16, 2022

बाग बहिस्त में मुझे हुक्म सफर दिया था क्यू कार कहां दराज है,अब मेरा इंतेजार कर,

 


बाग बहिस्त में मुझे हुक्म सफर दिया था क्यू

कार कहां दराज है,अब मेरा इंतेजार कर,
व्याख्या:
मुझे तूने बहिस्त से कूच का हुक्म क्यों दिया था ? तेरे हुक्म के मातहत मैं इस दुनियां में आ गया और जो काम सुपुर्द हुआ था उसमे लग गया, ये काम बहुत लंबा है और जल्द खतम नहीं हो सकता ,ना मैं इसे अधूरा छोड़ सकता हूं, अब मेहरबानी फरमा कर मेरा इंतेजार कर ,
(शरह गुलाम रसूल महर)
इकबाल कहते हैं के , ऐ खुदा ! तूने अपनी मईशत के मुताबिक हज़रत आदम को खुद जन्नत से निकाला अब तो तुझे इंतजार करना ही पड़ेगा क्योंकि जबतक " कार ए जहां " इख्तेताम पजीर ना हो,मेरी मुलाकात तुझसे नामुमकिन है, यानी जब तू ये कारखाना आलम खतम कर देगा उस वक्त मैं तुझसे मिल सकूंगा ,
वाजेह हो के इस अशहार में अल्लामा इकबाल ने इस हकीकत का इंशिकाफ किया हैं के जिस तरह इंसान खुदा से मिलने का आर्जुमंद है, खुदा भी इंसान से मिलने का तमन्नाई है, चुनांचे ज़बूर अजम में उन्होंने खुद इस हकीकत को वाज़ेह कर दिया है,
ما از خدائے گم شدہ ایم او بجستجوست
چوں ما نیاز مند و گرفتارِ آرزوست
" खुदा हमें गुम कर बैठा है और अब हमारी तलाश में है,अब गोया वह हमारी तरह नियाज़ मंद भी है और गुफ्तार ए आरजू भी"
लेकिन उसने खुद अपनी मईशत की बिना पर इंसान को एक अरसे के लिए दुनिया में भेज दिया है,अंजाम कार जब ये कारखाना दरहम बरहम हो जायेगा तो
"کل شی یرجع الیٰ اصله"
के मुताबिक इंसान फिर अपनी असल की तरफ लौट जाएगा, इस बात को इकबाल ने शायराना अंदाज में इस शेर में बयान किया है और इस मफरूजा की बिना पर के महबूब खुद हमारा मुश्ताक है,
Bagh-e-Bahisht Se Mujhe Hukam-e-Safar Diya Tha Kyun
Kaar-e-Jahan Daraz Hai, Ab Mera Intizar Kar✨
Why did You order me to quit the Garden of Eden?—
Now there is much to be done here—so just wait for me!
साभार: सबा यूसुफजई
Blog: Islamicleaks