Saturday, April 3, 2021

अल्लाह ने हमें चुनने की आज़ादी दी है,

 



अल्लाह ने हमें चुनने की आज़ादी दी है, और हमारे लिए अच्छा वा बुरा सब खोलकर बता दिया है, और हमें आंख , नाक , कान और दिमाग़ दिया है ताकि हम अल्लाह के बताए हुए अहकाम के तहत बेहतर फैसला कर सकें,


उसके बाद उस फैसले का जो भी रिजल्ट आए हमें उसे तसलीम करना चाहिए, ये है तकदीर या किस्मत,

अक्सर आज हमारे मुआशरा में शादी के लिए दौलत, खूबसूरती, जात और स्टेटस देखी जाती है जबकि ये चीजें अल्लाह के बताए हुए बेहतर मेयार में नहीं आती,

और फिर ऊपर से ज़ुल्म वा सितम ये के रिश्ता लगते ही अपने मंगेतर से बात शुरू कर देना जबकि वो आपके लिए हलाल होने ही वाला था उससे हराम रिश्ता कायम कर लेना,

हमारे समाज में रिश्ता आते ही लड़का और लड़की से बात करने का फित्ना बहुत तेज़ी से बढ रहा है

उसके बावजूद हम अल्लाह से उम्मीद रखते हैं कि हमारी अजदवाजी ज़िन्दगी में सब बेहतर हो,

अल्लाह ताला हमें सोचने समझने की तौफीक दे और हमारी गलतियों को माफ फरमाए..आमीन

Umair Salafi Al Hindi