Monday, April 26, 2021

क्या आपने मुझे पहचाना??

 



शादी के एक प्रोग्राम में एक साहब ने अपने एक जानने वाले आदमी के पास जाते हैं और पूछते है ," क्या आपने मुझे पहचाना??"


उन्होंने गौर से देखा और कहा ," हां! आप मेरे प्राइमरी स्कूल के स्टूडेंट हो, क्या कर रहे हो आज कल ??"

शार्गिद ने जवाब दिया के ," मैं भी आपकी तरह स्कूल टीचर हूं, और टीचर बनने की ये ख्वाहिश मुझ में आप ही की वज़ह से पैदा हुई,"

उस्ताद ने पूछा ," वह कैसे ??"

शार्गिद ने जवाब दिया , आपको याद है के एक बार क्लास के एक लड़के की बहुत खूबसूरत घड़ी चोरी हो गई थी, और वह घड़ी मैंने चुराई थी, आपने पूरी क्लास को कहा था के , "जिसने भी घड़ी चुराई है वो घड़ी वापस कर दे"

मैं घड़ी वापस करना चाहता था लेकिन शर्मिंदगी से बचने के लिए ये हिम्मत ना कर सका, आपने पूरी क्लास को दीवार की तरफ मुंह करके ,आंखें बंद करके खड़े होने का हुक्म दिया और सबकी जेबों की तलाशी ली, और मेरी जेब से घड़ी निकाल कर भी मेरा नाम लिए बगैर वो घड़ी उसके मालिक को दे दी और कभी मुझे इस अमल पर शर्मिन्दा ना किया, मैंने उसी दिन से टीचर बनने का इरादा कर लिया था,

उस्ताद ने कहा के ," कहानी कुछ यूं है के तलाशी के दौरान मैंने भी अपनी आंखें बंद कर ली थी और मुझे भी आज ही पता चला है के वो घड़ी आपने चुराई थी,"

क्या हम ऐसे उस्ताद बन सकते हैं जो अपने अमाल से बच्चों को उस्ताद बनने की तर्गीब दे सकें ना कि छोटी छोटी गलतियों पर बच्चों को पूरी क्लास के सामने शर्मिन्दा करें,

साभार: Umair Salafi Al Hindi
Blog: Islamicleaks.com