शार्गिदों ने अपने प्रोफ़ेसर से पूछा, " मुगालता या Paradox से क्या मुराद है ??
प्रोफ़ेसर ने कहा इसके लिए एक मिसाल समझाता हूं, दो आदमी मेरे पास आते हैं, एक साफ सुथरा है और दूसरा गंदा,
मैं दोनों को मशवरा देता हूं के वह नहा धोकर पाक वा साफ हो जाए, आप लोग बताएं इन दोनों में कौन गुस्ल करेगा ??
शार्गिदों ने कहा :-" गंदा आदमी "
प्रोफ़ेसर ने कहा :-, नहीं ! बल्कि साफ आदमी ऐसा करेगा क्यूंकि उसे नहाने की आदत है जबकि गंदे आदमी को सफाई की अहमियत मालूम ही नहीं," अब बताइए कौन नहाएगा ??
शार्गिदों ने कहा," साफ आदमी"
प्रोफ़ेसर बोले," नहीं ! बल्कि गंदा नहाएगा क्यूंकि उसे सफाई की ज़रूरत है "
प्रोफ़ेसर ने फिर पूछा अब आप लोग बताएं कौन नहाएगा ??
सबने कहा, गंदा आदमी,
प्रोफ़ेसर ने कहा," नहीं , बल्कि दोनों नहाएंगे, क्यूंकि साफ आदमी को नहाने की आदत है जबकि गंदे को नहाने की ज़रूरत है,"
प्रोफ़ेसर ने फिर पूछा," आप लोग बताएं अब कौन नहाएगा ??"
शार्गिदों ने कहा," दोनों !"
प्रोफ़ेसर बोले," नहीं ! कोई नहीं क्यूंकि गंदे को नहाने की आदत नहीं जबकि साफ को नहाने की ज़रूरत नहीं "
प्रोफ़ेसर ने फिर पूछा ," अब बताएं कौन नहाएगा ??"
शार्गिद बोले ," कोई नहीं "
शार्गिद कन्फ्यूजन का शिकार होने लगे ,उन्होंने प्रोफ़ेसर से पूछा," आप हर बार अलग जवाब देते हैं और हर जवाब सही मालूम होता है, हमें सही बात कैसे मालूम हो?"
प्रोफ़ेसर ने कहा ," Paradox या मुगालता यही है जिसे आप मीडिया और मीडिया एंकर के यहां देख सकते हैं, मीडिया और उसके झूठे एंकर वा एडिटर के लिए ये अहम नहीं है के सच या हकीकत क्या है ?? बल्कि अहम ये है के झूट किस तरह और कैसे सच साबित किया जाए !!"
इलेक्ट्रॉनिक वा प्रिंट मीडिया के अक्सर वा बेश्तर झूट और बिके एडिटर वा एंकर के सफेद वा सफ्फाफ झूट आप समझते होंगे , अगर आप समझ गए हैं तो दूसरों को भी समझाएं
साभार: Umair Salafi Al Hindi
Blog: Islamicleaks