Tuesday, April 13, 2021

नियत पर रिज्क में बरकत




 नियत पर रिज्क में बरकत


एक बार की बात है एक बादशाह शिकार करते हुए अपने काफ़िले से बिछड़ गया , उसे प्यास लगी तो वह एक बाग़ में जा निकला, उसने पानी मांगा तो बागवान की बेटी ने एक अनार तोड़ा और उसे बर्तन में निचोड़ा, वह बर्तन उस अनार के रस से भर गया , बादशाह को ये देखकर बहुत ताज्जुब हुआ के सिर्फ एक अनार में इतना रस के उससे पूरा बर्तन भर गया ,

उसने अगले दिन अपने शाही वज़ीर से इस वाक्ए का ज़िक्र किया और कहा,

" ऐसा बाग़ हुकूमत की मिल्कियत में भी होना चाहिए "

अल्लाह की कुदरत देखिए के बादशाह एक दिन फिर उस बाग़ में जा निकला और पहले की तरह प्यास बुझाने के लिए पानी मांगा, बागवान की बेटी ने मेहमान के एहतेराम में फिर एक अनार तोड़ा और उसे बर्तन में निचोड़ा लेकिन बर्तन खाली रहा , तीन चार अनारो के रस से वह बर्तन ना भर सका,

ये देखकर बादशाह ने कहा," मैं एक दफा पहले यहां आया था तो इस बाग़ के एक अनार से बर्तन मुकम्मल भर गया था , और अब तीन चार अनारों के रस से बमुश्किल भरा है, इसकी क्या वजह है ??"

सादा मिजाज़ लड़की ने जवाब में कहा ," बाग़ वही है, उस वक्त तू प्यास से बिलबिला रहा था और रास्ता भटक चुका था, अल्लाह से मदद मांगते हुए यहां आया था , तब एक अनार में भी बरकत थी उससे तेरी प्यास बुझ गई थी, फिर तेरे दिल में इस बाग़ को ही हासिल करने की ख्वाहिश ने जन्म लिया , आज तू फिर आया तो प्यास से तड़प कर नहीं आया इसलिए तेरी सोच और नियत के बदलने की वजह से ही अब तेरे रिज्क में पहले जैसी बरकत नहीं रही "

अगर नियत सही हो तो अल्लाह ताला मुराद को पूरा फरमाता है और अगर नियत में फितूर आ जाए तो सारा अमल बर्बाद हो जाता है और चीज़ों में से बरकत उठ जाती है,

ये ना देखें के कोई शख्स कितना रिज्क कमा रहा है, अगर इसके थोड़े माल में भी बरकत है तो वह आपसे कहीं ज़्यादा बेहतर , खुश अखलाक, आला ज़र्फ़, और अमीर नज़र आयेगा ,

और हकीकत में सिर्फ आपकी सोच ही आपको आगे लेकर जाती है,

साभार: Umair Salafi Al Hindi
Blog: Islamicleaks