Sunday, April 25, 2021

खामोशी से अल्लाह की तरफ दावत देने वाले बनो,

 



खामोशी से अल्लाह की तरफ दावत देने वाले बनो,


बयान किया जाता है कि एक नेक आदमी था , वह अपनी दुकान में काम करने वाले लोगों को हमेशा नसीहत करता था के अगर सामान में कोई खराबी हो तो उसे लोगों के सामने बयान कर दिया करो,

एक दिन एक यहूदी दुकान पर आया , उसने एक ऐबदार सामान खरीद लिया , उस वक्त दुकान का मालिक मौजूद नहीं था , नौकर ने सोचा ये तो यहूदी है और उसे ऐब से आगाह करना कोई ज़रूरी नहीं है।

कुछ देर बाद दुकान का मालिक आया और उसने दुकान में रखे हुए ऐब्दार कपड़े के बारे में पूछा, तो नौकर ने कहा के मैंने उसे एक यहूदी से तीन हज़ार दिरहम के बदले बेच दिया है और मैंने उस यहूदी से उस कपड़े के ऐब के बारे में कुछ नहीं बताया,

दुकान मालिक ने पूछा वो यहूदी कहां गया है ?? नौकर ने कहा कि वो अपने काफ़िले के साथ जा चुका है, दुकानदार ने फौरन वो तीन हज़ार दिरहम की रकम ली और उस काफ़िले के पीछे निकल पड़ा यहां तक की तीन दिन के बाद उस काफ़िले से जा मिला ,

दुकान के मालिक ने यहूदी से कहा , " आपने एक कपड़ा ख़रीदा है उसमे एक ऐब है, इसलिए आप अपना दिरहम वापस ले लें और वह कपड़ा मुझे लौटा दें"

वह यहूदी पूछने लगा," आखिर आपको इस हुस्न ए अखलाक और ईमानदारी पर किस चीज़ ने आमादा किया ??"

दुकान के मालिक ने कहा," मेरा दीन इस्लाम, इसलिए के अल्लाह के रसूल मुहम्मद (Sws) फरमाते हैं ," जो हम में से किसी को धोका दे वह हम में से नहीं है,"

यहूदी ने कहा," सुनो ! वह दिरहम जो मैंने दिए हैं सब नकली हैं, अब मैं तुम्हे इसके बदले तीन हज़ार दिरहम देता हूं, और इससे भी बड़ी चीज़ मैं गवाही देता हूं के अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं और मुहम्मद (Sws) अल्लाह के रसूल हैं,"

हज़रत उमर बिन अब्दुल अज़ीज़ ने सच कहा था खामोशी से अल्लाह की तरफ दावत देने वाले बनो, लोगों ने पूछा वह कैसे , "कहा अपने अखलाक के ज़रिए"

सवाल ये है के आपने इस्लाम के लिए क्या किया ??

( كتاب موسوعة الأخلاق و الزهد والرقائق 1/146)

साभार: शेख शाहिद सनाबिली
तर्जुमा: Umair Salafi Al Hindi