आज से सिर्फ सौ साल बाद जब इस तहरीर को पढ़ने वाला हर शख्स ज़मीन के अंदर दफन होगा , हमारी हड्डियां रेजा रेजा होकर मिट्टी में मिल चुकी होंगी, तब तक हमारी जन्नत और जहन्नुम का फैसला भी मालूम हो चुका होगा , जबकि इस ज़मीन के ऊपर हमारे छोड़े हुए घर किसी और के हो चुके होंगे , हमारे कपड़े कोई और पहन रहा होगा और हमारी मेहनत और मुहब्बत से हासिल गाडियां कोई और चला रहा होगा ,तब हम किसी के ख्यालों ख्याल में भी ना होंगे,
भला आप अपने पर दादा या पर दादी के बारे में कभी सोचते हैं ?? तो कोई हमारे बारे में क्यूं सोचने लगा ???
आज ज़मीन के ऊपर हमारा वजूद, जिसकी बुनियाद पर यहां हमारा हर वक्त का शोर वा शराबा, हटो बच्चों की सदाएं और इन घरों को आबाद करने के लिए, हमारी मेहनत वा मशक्कत, ये सबकुछ हमसे पहले किसी और का था और हमारे बाद यकीनी तौर पर किसी और का होने वाला है,
कोई ऐसा होने से रोक सकता है तो रोक कर दिखाए , इस दुनिया से गुजरने वाली हर नसल बमुश्किल इस पर एक सरसरी सी नज़र ही डाल पाती है,
ख्वाहिशात की तकमील का मौका भला किसी को इस दारुल फना में कहां मिल सकता है ?? हमारी ज़िन्दगी दरहकीकत हमारे तसव्वुरात वा ख्वाहिशात के मुकाबले में बहुत ही छोटी है,
साल 2121 में हम सब पर अपनी अपनी कब्र में इस दुनिया और अपनी ख्वाहिशात की हकीकत मालूम हो चुकी होगी,
हाय अफसोस !!
इस धोखे के घर में कैसी बेवकूफाना ख्वाहिशात और कैसी जाहिलाना मंसूबे हमने बना रखे थे??
मेरे अज़ीज़ दोस्तों भाई और बहनों!! तब हम पर ये हकीकत भी साफ हो जाएगी के," ए काश ! के हमने अपनी तर्जीहात में अपने अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त और मेरे बाप दादाओं वा आल वा औलाद से करोड़ों करोड़ गुना ज़्यादा प्यारे नबी ए करीम मुहम्मद सल्ललाहू अलैहि वसल्लम की वफादारी को सबसे आगे वा राजे रखा होता तो आज सबकुछ दुनिया में छोड़कर आने के बजाए क़ब्र का जाद ए राह और अच्छे आमाल की शक्ल में सदका जारिया भी साथ ला सकते, तब हमें ये भी मालूम हो चुका होगा के दुनिया इस लायक हरगिज़ ना थी के उसके लिए इतना सबकुछ जान, माल, वक्त और तमाम सलाहियतें दाव पर लगा दी जाती,
आज 2021 में ये तहरीर पड़ने वाले बहुत से लोग 2121 में ये तमन्ना कर रहें होंगे,
"رَبِّ ارْجِعُونِ لَعَلِّي أَعْمَلُ صَالِحًا فِيمَا تَرَكْتُ ۚ "
" ए मेरे परवरदिगार! मुझे वापस दुनिया में भेज दे, ताकि मैं जो कुछ वहां छोड़ आया हूं उसमे वापस जाकर नेक आमाल कर सकूं,"
लेकिन इस दरख्वास्त का जवाब बहुत सख्त मिलेगा
"كَلَّا ۚ إِنَّهَا كَلِمَةٌ هُوَ قَائِلُهَا ۖ وَمِن وَرَائِهِم بَرْزَخٌ إِلَىٰ يَوْمِ يُبْعَثُونَ°"
" हरगिज़ नहीं ! ये सिर्फ एक बात है जो ये कह रहा है ( काबिल ए अमल बात नहीं है) अब तो ये कयामत तक इनके पीछे बाड़ लगा दी गई है"
(क़ुरआन सुरह अल मोमिनीन आयत 99-100)
2121 में क़ब्र के अंदर वो ये तमन्ना भी करेगा ,
"يَا لَيْتَنِي قَدَّمْتُ لِحَيَاتِي°"
" हाय मेरी बर्बादी काश ! मैं अपनी ज़िन्दगी के लिए कुछ आगे भेज देता .."
(क़ुरआन सुरह अल फजर आयत 42)
दोस्तों ! मौत का फरिश्ता मेरे और आपके नेक होने के इंतजार में नहीं है,
आइए ! मौत के फरिश्ते के इंतजार के बजाए मौत की तैयारी करें और अच्छे आमाल वाली ज़िन्दगी अख्तियार कर लें,
साभार: Umair Salafi Al Hindi
Blog: Islamicleaks.com