Wednesday, April 21, 2021

औरत की कद्र कीजिए,

 




औरत की कद्र कीजिए,


औरत के हमला क़रार पाते ही उसकी नफसियात में निहायत अहम और अजीब किस्म की तब्दीलियां देखने में।आती हैं, लोग बस " उल्टी" को हो एन्जॉय करते हैं जबकि उसके खाने पीने और सोने जागने के मामलात गड़बड़ हो जाते हैं, उसकी पसंदीदा डिशें अब नापसंदीदा हो जाती हैं,उनकी खुश्बू से ही उसे उल्टियां शुरू हो जाती है,

गोया औरत को सिग्नल दे दिया गया है के अब उसकी कुर्बानियों का सिलसिला शुरू हो गया है, उसे उस नई ज़िन्दगी के लिए अपना वह सब कुछ कुर्बान करना पड़ेगा जो कल तक उसके लिए बड़ा अहम था,

इसी के साथ उसके मिजाज़ में भी तब्दीली शुरू होती है और वह डिप्रेशन की मरीज़ बन जाती है, हर एक के गले पड़ती है छोटी बात उसको बड़ी और नाकाबिल ए बर्दाश्त लगती है, अक्सर उसका मूड ऑफ रहता है,

ये तब्दीलियां हर मां में होती हैं यहां तक के मुर्ग़ी भी इस कैफियत में बे मुरव्वत शेर बन जाती है जो अपने दर्बे के पास फटकने वाली हर चीज़ पर हमलावर होती है उसका मूड भी ऑफ़ हो जाता है, और कई कई दिन खाने को जी नहीं चाहता ,

जिसके बाहर ज़िन्दगी नशो नुमा पा रही है अगर उसका हाल ये है तो जिसके अंदर ज़िन्दगी जन्म ले रही है उसकी कैफियत का कोई अंदाज़ा नहीं कर सकता , सिवाए इसके के जो इस कैफियत से गुजरे चुका हो, मसलन सास

इस अरसे मे औरत को केयर और साथ की शख्त ज़रूरत होती है के उसके रवैए की तब्दीली को उसका ऐब ना समझा जाए बल्कि बीमारी समझ कर उसकी बर्दाश्त किया जाए और उसकी दिलजोई का पूरा ख्याल रखा जाए,

खास तौर पर सास का काम है के बेटे को समझाए के,"बेटा ये नॉर्मल रूटीन है बच्चे वाली औरतों के साथ ये सब होता है और जब तुम पेट मे थे तब मेरा भी यही हाल था दो चार महीने की बात है बच्चा जैसे जैसे मैच्योर होता है हालत संभलती जाती है,"

मगर सास ही अक्सर बेटे को भड़काने का सबब बन जाती है," हमने भी बच्चे पैदा किए हैं ,ये कोई निराला बच्चा पैदा नहीं करने लगी, नखरे कर रही है, हम तो खेतों में भी काम करते थे, ये घर का काम भी नहीं कर सकती वगेरह"

यूं औरत की दिलजोई के बजाए उसको उन्हीं दिनों में तलाक भी दे दी जाती है," के हम ऐसी औरत को नहीं रख सकते"

और बड़े मासूम होकर मसला पूछते हैं के," क़ारी साहब बीवी को तलाक दे दी है ,जबकि वो हामिला है तो क्या इस सूरत में तलाक हो जाती है ??"

बेटा तुम गोली मारकर डॉक्टर से पूछते हो के, " डॉक्टर साहब ! मैंने बीवी को गोली मार दी है, जबकि वो हामिला थी, तो क्या इस सूरत में गोली लग गई है"

लेकिन अलमिया ये है के एक औरत सास बनकर औरत की ही दुश्मन बन जाती है,

साभार: Umair Salafi Al Hindi