Har Ibteda Se Pehle Har Inteha Ke Baad,
"ZAAT-E-NABI Buland Hai "ZAAT-E-KHUDA" Ke Baad,
Dunya Main Ehtraam Ke Qabil Hain Jitne Log, Main Sabko Manta Hun,
Magar ,"MUHAMMAD-MUSTAFA{sall’Allaahu ta’aalaa alaihi wa’sallam} Ke Baad..
Sunday, April 11, 2021
ज़मीन को उज्लत, हवा को फुर्सत, खला को लुकनत मिली हुई है।
ज़मीन को उज्लत, हवा को फुर्सत, खला को लुकनत मिली हुई है।
हम एहतेजाजन ही जी रहें हैं, या फिर इजाज़त मिली हुई है,
हमारी औकात के मुताबिक...हमारे दर्जे बनें हुए हैं, किसी को कुदरत ,किसी को हसरत, किसी को किस्मत मिली हुई है,