Saturday, January 29, 2022

हस्सास (Sensitive) तबियत लोगों के भी अजीब मसाइल होते हैं

 




हस्सास (Sensitive) तबियत लोगों के भी अजीब मसाइल होते हैं, दूसरों के लिए खुद की मसरूफियात तर्क करके उनको वक्त देने वाले ये लोग छोटी छोटी बातों को ना सिर्फ महसूस करते हैं बल्कि कहीं ना कहीं हर बात के जिम्मेदार खुद को महसूस करते हैं,

कोई नज़र अंदाज़ करे !!
सख्त लहजे में बात करे !! गोया हर तरह की बात को गहराई में जाकर सोचने लग जाते हैं, दूसरों को खुश करने के लिए अपने दुख दर्द को भी फरामोश कर देते हैं,
फिर एक वक्त आता है के अपनी कद्र वा कीमत खो देते हैं,भला ऐसे लोगों की क़दर की जा सकती है जो हर वक्त मयस्सर हों !!
जो हमारी खुशी गमी में अपने एहसासात को रद्द करते हुए हमारे साथ शामिल होते हैं, ऐसे लोगों को बेवकूफ तसव्वुर किया जाता है, भला कोई चीज हो या इंसान बगैर जद्दोजेहद के मयस्सर आ जाए हमें तो उसकी क़दर हम थोड़ी ना करते हैं,
हम तो उन चीजों और इंसानों के पीछे भागने के आदी हैं जो हमारी पहुंच से दूर हों, जिनको हमारे एहसासात हमारे साथ की कदर ना हो, हम भी उन्ही के पीछे जलील वा ख्वार होना पसंद करते हैं मगर जो खामोशी से हमारे साथ साय की तरह रहते हैं, हमारी परवाह करते हैं उनको नजरंदाज करना अपना फर्ज समझे , सराबों के पीछे भागते भागते हकीकत को झुटला देते हैं,
फिर यही हस्सास तबियत लोग अंदर ही अंदर खुद को अजीयत देना गवारा तो कर लेते हैं मगर एक हर्फ ए शिकायत तक ज़बान पर नहीं लाते, खुशियों भरी जिंदगी गुजारने के लिए कभी कभी खुदगर्ज होना पड़ता है मगर हस्सास फितरत लोगों के अख्तियार में कहां होता है के वह बेहिस होकर जिंदगी गुजारें,
Umair Salafi Al Hindi