Tuesday, January 18, 2022

शादी जिंदगी का मकसद नहीं है, एक हिस्सा है जिंदगी का ,...




 शादी जिंदगी का मकसद नहीं है, एक हिस्सा है जिंदगी का ,...


क्या आप इसी लिए पैदा हुए हैं के बस किसी अच्छे इंसान से शादी हो गई और जिंदगी का मकसद पूरा हो गया...?? और अगर इसमें ताखीर हो गया या कोई पसंद का इंसान ना मिला तो उसे जिंदगी का End ही समझ लिया ??

खुद को खत्म कर लिया , या नाशुक्री और डिप्रेशन में जिंदगी गुजार दी ..??

मोमिन तो ऐसा नहीं होता !!

मोमिन तो बड़े मकसद के लिए जीने वाला होता है, उसकी सोच तो इससे बहुत आगे की होती है,फिर कैसे हो सकता है के वह इस सब में उलझा रहे , और उन्ही फिक्रों में खुद को घुला दे, जिंदगी को बर्बाद कर दे, अल्लाह से शिकवे नाराजगी का इज़हार करता रहे..

" Life isn't a fairy tale ۔۔۔ जिसका End ये हो के शहजादा शहजादी की शादी हो गई और वह हंसी खुशी रहने लगी"

अल्लाह का प्लान आपके प्लान से मुख्तलिफ भी हो सकता है ?? क्या आप ज्यादा इल्म वाले , अकल वाले हैं या वह गायब वा जाहिर का जानने वाला, हकीमुल खबीर है ???

मानते हैं ना उस रब की हिकमतें आपकी सोच से भी बलातर हैं... फिर क्यों नहीं उस पर भरोसा करते ?? क्यों नहीं उसके सुपुर्द अपने मामलात करते ??

कितने ही मामलात आपके ऐसे थे जो बजाहिर तकलीफदेह थे, पर वह कुछ अरसे की बात थी, अल्लाह ने उन हालात से कितनी खैर निकाली,कितना कुछ सिखाया, कितना कुछ अता किया ,

और कितने ही मामलात ऐसे थे जो बजाहिर आपको बहतारीन लगते थे, कितनी ही चीज़े कितने ही इंसान ऐसे थे, जो आपको बहुत अच्छे लगते थे पर उनके जरिए कितना नुकसान पहुंचा आपको, कितना छुपा शर मिला आपको..

हज़रत यूसुफ़ अलैहिस्सलाम या हज़रत मरयम अलैहिस्सलाम की मिसाल देखें, उनसे इफ्फत और पाकीजगी सीखे, क्या वह किसी गलत राह पर चले ??

क्या अपनी जिंदगी उन्होंने उन छोटी छोटी फिक्रों में गुज़ार दी, क्या उनकी जिंदगी का सिर्फ यही मकसद था ?

हज़रत आसिया , हज़रत नूह, हज़रत लूत के आज़वाज की मिसाल देखें, क्या उन्होंने इस गम में अपनी जिंदगी बर्बाद कर दी के उनके आज़वाज (Spouse) उनकी तवक्को के मुताबिक या उन जैसे नहीं, वह दीन में उनके मददगार नहीं ??

वह उस सबसे बलातार थे, उनकी जिंदगियां अपने रब के नाम थी, उनका मकसद रब की रज़ा , उसके दीन की सरबुलंदी था, तभी उनके साथ अल्लाह की मदद थी

साभार: Umair Salafi Al Hindi
Blog: Islamicleaks