Tuesday, January 25, 2022

हज़रत अमीर मुआवीया का तकवा

 




हज़रत अमीर मुआवीया का तकवा

अबी मजलिज से रिवायत है के हज़रत अमीर मुआवीया निकले , अब्दुल्लाह बिन जुबैर और इब्न सफवान ने जब आपको देखा तो खड़े हो गए , तो हज़रत अमीर मुआवीया ने कहा, " तुम दोनो बैठ जाओ इस लिए के मैने सुना है के अल्लाह के रसूल से के आप फरमाते थे जिसको खुश लगे या पसंद आए ये के खड़े रहें लोग उसके सामने तस्वीर की तरह तो वह अपनी जगह ढूंढ ले दोजख में "

(किताबुल अदब, तिरमिजी )

सुभानल्लाह, तकवा, परहेजगारी और खुसू वा खुजू की बहतारीन मिसाल, बावजूद इसके के हज़रत अमीर मुआवीया ने अमीर शाम थे लेकिन अपने सामने किसी का झुकना तो बड़ी दूर की बात किसी का खड़ा रहना भी गवारा ना किया ,

ये आजिजी ही तो है जो इंसान के दिल से तकब्बुर को खींचकर निकाल देती है,

आज के इस दौर में हमारे हुक्मरानों के लिए हज़रत अमीर मुआवीया की जिंदगी बहतरीन नमूना हैं जो अपने लिए जरा सी ताज़ीम और खिलाफ सुन्नत बात को भी गवारा ना किया करते थे,

और अम्र बिल मारूफ वा नही अनिल मुनकर के इतने मुश्ताक के जलीलुल कदर सहाबा से जब खिलाफ शरह बात देखी तो फौरन उनको रोक दिया ,

साभार: अब्दुल खालिक भट्टी
तर्जुमा: Umair Salafi Al Hindi
Blog: Islamicleaks