समुंदर सबके लिए एक जैसा ही होता है, लेकिन कुछ लोग उसमे से मोती तलाश कर लेते हैं, कुछ मछलियां पकड़ लेते हैं ...!!
और कुछ को समुंदर से खारे पानी के सिवा कुछ नहीं मिलता ...!!!
बादल से बरसने वाला पानी एक जैसा ही होता है, उपजाऊ ज़मीन उसी पानी से सब्जा ऊगा लेती है, सहरा की रेत उसी पानी से अपनी प्यास बुझा लेती है और वही पानी चिकने पत्थरों को महज़ छू कर गुजर जाता है,
अल्लाह की रहमत हर दिल के लिए एक जैसी है, अब ये हम पर है के , हम पर इसका कितना रंग चढ़ता है,
" और अल्लाह का रंग सब रंगों से बेहतर है "
अपना खुद का मुहासबा कीजिए
Umair Salafi Al Hindi