Wednesday, January 12, 2022

बे ज़रर और भोली जमात

 



बे ज़रर और भोली जमात जो खुले आम अमेरिका यूरोप में तबलीग करती है, हर मुल्क इसका साथ देता है, हत्ता के इजराइल भी कहता है के तुम हमारे यहां के मुसलमानों में तबलीग करो उन्हे अच्छा मुसलमान बना दो, तुम बहुत अच्छे हो, मगर !!


ये जमात इतनी भोली भाली और बे ज़रर है के अपने मुल्क में अहले हदीसों की मस्जिद पर कब्ज़ा ही नहीं करती बल्कि मिस्मार भी कर देती है, जहां बस चले वहां बनने नहीं देती, कुशादा ज़र्फी इतनी है के जिस तरह खुद हर मस्जिद में दावत वा तबलीग करना चाहती है उसी तरह अपनी मस्जिद में किसी दूसरे मसलक वाले को पनपने नहीं देती , खुद हमारे अपने देवबंदी भाई इतनी कुशादा जर्फ हैं के उनका एक बंदा भरी पार्लियामेंट में साल्फियों (अहले हदीसों) को दहशतगर्द कहता है,
जिस जगह या जिस मुल्क में उन्हें अथॉरिटी मिल जाए वहां किसी दूसरे मसलक की खैर नहीं,

मगर हमें अपने मुल्क में तो ये सब नज़र नहीं आता , अलबत्ता सऊदी में क्या हो रहा है इसकी वजह से हम अपने मुल्क के सल्फियों से उलझ रहें हैं,

हैरत उन लोगों पर है जो कुछ दिनों पहले तक ये तराना गाते थे के अपने मुल्क को खबर लें, ईरान तूरान और खलीज के लिए परेशान न हों, ना एनर्जी बर्बाद करें, वह सबसे आगे हैं,

बात इतनी सी है के अपने मतलब वाली बात हर जगह अच्छी लगती है, निफाक़ की इंतहा है भाई !!

नोट: तबलीगी जमात को सऊदी अरब ने दहशतगर्द नहीं कहा है, ये भी खुद को भोला कहने वाले और कुशादा ज़र्फी का नमूना पेश करने वालों का प्रोपेगंडा है, बल्कि ये कहा है के " ये जमात दहशतगर्दों के लिए दरवाज़ा और ठिकाना है",

और यकीनन है क्योंकि सउदी में जो दाईशी और इखवानी मुल्क के खिलाफ शाजिश करते थे, जब उनके खिलाफ 2016 में क्रैक डाउन किया गया तो इसके बाद ये इसी भोली जमात में शरीक होने लगे , वरना सऊदी में तबलीग करना कोई जुर्म नहीं है,वहां हज़ारों दावा सेंटर कायम है जहां से हज़ारों गैर मुस्लिम ईमान लाते हैं, बल्कि हुकुमती सरपरस्ती में शोबा दावत हमेशा होता रहता है, और पूरी दुनिया में ये काम मुल्की पैमाने पर किया जाता है, सबसे ज्यादा इस वक्त ये काम अफ्रीका के अंदर हो रहा है जहां ईसाई और राफजी मुसलमानों को सूफियत के रास्ते बद दीन बना रहें हैं,

कुरआन कॉम्प्लेक्स और हदीस कॉम्प्लेक्स इसका जीता जागता सबूत है जिसका काम ही पूरी दुनिया में कुरआन वा हदीस को पहुंचाना है,

साभार: डॉक्टर अजमल मंजूर मदनी
तर्जुमा: Umair Salafi Al Hindi
Blog: Islamicleaks