Saturday, January 22, 2022

कभी जिंदगी कितनी तंग लगने लगती है,

 



कभी जिंदगी कितनी तंग लगने लगती है,लोग हमें इतना महदूद कर देते हैं के हमारा खुद की जात में सांस घुटने लगता है, और किसी को हमदर्द पाकर कुछ कह लो, कोई शिकवा वा शिकायत तो सुनने को मिलता है


दफा करो!
छोड़ दो उनको, उनके हाल पर !
तुम अपनी जिंदगी जिओ !
रिश्तेदार होते ही ऐसे हैं !

और दिल का बोझ कम होने की बजाए बढ़ जाता और उलझन ज्यादा उलझ जाती है,

अगर जिंदगी बगैर रिश्तों के अच्छी गुजर सकती थी, तो अल्लाह ने रिश्ते क्यों बनाए ??

अगर लोगों के बगैर हम पुरसुकून रह सकते हैं तो अल्लाह ने इतने लोग क्यों बनाए ?? अजनबियों से इतने प्यारे ताल्लुक क्यों बनाए ??

जब ये मशवरा देते हो के दूसरों को उनके हाल पर छोड़ दो, तो जब कोई तुमको तुम्हारे हाल पर छोड़ता है तब तुम क्यों तड़पते हो ??

दूसरों को कहते हो के तुम बहुत हशशाश बन रहे हो,जब वह बेहिश हो जाए तो उसे जीने क्यों नहीं देते ??

कोई दुख सुनाए तो...तो सुनते क्यों नहीं!!

Umair Salafi Al Hindi