Wednesday, January 26, 2022

ख्वारिज के दिल में हज़रत अमीर मुआवीया का बुग्ज था तो हज़रत अली से भी बुग्ज में मुब्तिला हो गए और हज़रत अली को शहीद कर दिया ,

 



ख्वारिज के दिल में हज़रत अमीर मुआवीया का बुग्ज था तो हज़रत अली से भी बुग्ज में मुब्तिला हो गए और हज़रत अली को शहीद कर दिया ,

तो पता चला जिस तरह आग और पानी इकट्ठा नहीं हो सकते उसी तरह एक दिल में हज़रत मुआविया का बुग्ज और हजरत अली से मुहब्बत इकट्ठी नहीं हो सकती,

सबाइयों ने हज़रत मुआविया से बुग्ज रखा तो उन्ही सबाईयों ने हज़रत हसन को जहर देकर शहीद किया और हज़रत हुसैन को कूफा बुलाकर शहीद किया ,

तारीख गवाह है जिसके दिल में हज़रत मुआविया का बुग्ज रहा उसके दिल में हज़रत अली की मुहब्बत आ ही नहीं सकी,