Thursday, June 25, 2020

BAIT UL MUQADDAS KI FATAH







मैं रसूल्लुल्लाह मुहम्मद (sws) के पास आया, आप गजवा ए तबूक में चमड़े के एक खैमे में ठहरे हुए थे, मैं खैमे के सेहन में बैठ गया तो, रसूल्लुल्लाह मुहम्मद (sws) ने फ़रमाया :- " औफ अंदर आ जाओ !"
मैंने अर्ज़ किया :-" पूरे तौर से अल्लाह के रसूल ?"
रसूल्लुल्लाह मुहम्मद (sws) ने फ़रमाया :-" हां पूरे तौर से "
फिर आपने फ़रमाया :-" औफ़ ! क़यामत से पहले छह निशानियां होंगी, उन्हें याद रखना, उन में से एक मेरी मौत है, "
मैं ये सुनकर बहुत रंजीदा हुआ

फिर आपने फ़रमाया :- " कहो एक, दूसरी बैत अल मुकद्दस की फतह, तीसरी एक बीमारी है जो तुम में ज़ाहिर होगी उसके जरिए अल्लाह ताला तुम्हे और तुम्हारी औलाद को शहीद कर देगा और उसके जरिए तुम्हारे आमाल को पाक कर देगा, चौथी तुम में माल की कसरत होगी हत्ता के आदमी को सौ दिनार मिलेंगे तो वह उससे भी राज़ी ना होगा, पांचवीं तुम्हारे दरमियान एक फितना बरपा होगा जिससे कोई घर बाक़ी ना रहेगा जिसमें वह ना पहुंचा हो, छटी तुम्हारे और अहले रूम (इसाई) के दरमियान एक सुलह होगी , लेकिन फिर वह लोग तुमसे धोका करेंगे और तुम्हारे मुकाबले के लिए उसी झंडे के साथ फौज लेकर आएंगे, हर झंडे के नीचे बारह हज़ार फौज होगी "

(इब्न माजा हदीस 4042)
UmairSalafiAlHindi