Wednesday, June 10, 2020

RADD E SUFIYAT AUR IKHWANI PROPAGANDA








आखिर तुर्क सूफी और हिन्दू सूफी हजरात का आल ए सऊद से क्यूं इतना बुग्ज़ है,

जब मैंने इतिहास ले पन्ने खंगाने तो पाया कि आल ए सूफी को सिर्फ मौजूदा सऊदी बादशाह के बेटे मुहम्मद बिन सलमान से ही बग्ज़ नहीं है, बल्कि ये नफरत सऊदी के कयाम से चली आ रही है, और लगता है कि ये तब तक चलती रहेगी जब तक ये सूफी दोबारा अपने मकसद में कामयाब नहीं हो जाते ,

उस्मानी सल्तनत जो सूफियों का कुवां था, सूफियत ने परवरिश उस्मानी सल्तनत में ही पाई है और हिजाज़ पर आखिरी उस्मानी गवर्नर हुसैन शरीफ के दौर में मदीना सूफियों का एक अज़ीम तीर्थ स्थल था,
वहा सूफी जाते और वो सब करते जो आज कल हिंदुस्तान और पाकिस्तान के बाबा शाहों के मजारों पर हो रहा होता है, चड़ावा और चंदों की बहुतायत थी, मेले ठेके, नाच गाने, जिस्म फरोशी , ये सब उस वक़्त मदीने में आम हो गई थी,

फिर जब अरब में इमाम मुहम्मद का लाया हुए इंकिलाब आया और अरबों को समझ में आया कि ये तुर्क सूफी हमें इतने सालों से सुतिया बना रहें हैं, और हमारा असली अकीदा तौहीद को खा गए है, इमाम मुहम्मद ने अपनी दावत वा तबलीग़ जारी रखी, जब इमाम मुहम्मद ने देखा कि अब लोग जुक दर जूक सही इस्लाम की तरफ आ रहें है और रहबानियत या कह लीजिए साधुवाद छोड़ रहें हैं तब उन्होंने मौका को गनीमत समझा , और हज के मौके पर लोगों से अपनी बैत ली,

फिर रवाना हुए नजद की तरफ जहां आल ए सऊद की हुकूमत थी और उनसे दरख्वास्त किया कि हिजाज़ को सुफियत और साधुवाद से आज़ाद कीजिए , हिजाज़ वासी आपके साथ है, फिर क्या था दुनिया ने देखा कि इमाम मुहम्मद और आल ए सऊद ने कैसे हिजाज़ को शर्क वा खुराफात से आज़ाद किया,

और सहाबा किराम की क़ब्र पर से टनो बोझ हो साफ किया, सनद रहे उस वक़्त हिजाज़ में तेल नहीं निकला था, अगर आल ए सऊद चाहते तो खुद उन क़ब्रो के मुजावर बनकर मोटा माल कमाते जैसा पहले तुर्क सूफी कमा रहे थे, लेकिन वो तौहीद के मतवाले थे, सर कटा लेंगे लेकिन क़ब्र परस्ती बर्दाश्त नहीं होगी,

फिर दुनिया ने देखा कि आगे क्या हुआ अल्लाह ने कैसे आल ए सऊद को दौलत से नवाजा, उस बयान करने की जरूरत नहीं है,

सुल्तान अब्दुल अज़ीज़ ने जब सहाबा किराम की क़ब्र मुबारक से कंक्रीट का लाखों टन का बोझ साफ किया तब खासकर हिंदुस्तान में हाहकार और चीत्कार मच गया, लोगों ने अफवाह फैलाई की अब आल ए सऊद रोज़ा ए मुबारक तोड़ेंगे, फिर शेरदील सुल्तान ने क्या जवाब दिया वो पढ़िए
शेरदिल बादशाह का जवाब
मैं गिराई हुई पक्की क़ब्र को दोबारा सोने और चांदी से बनाने के लिए तैयार हूं
लेकिन...
सुल्तान अब्दुल अज़ीज़ नजद और हिजाज़ के बादशाह का हुकम,
हिन्दुस्तानी लोगों के सवाल पर की उन्होंने पक्की क़ब्रें क्यों तोड़ी तो सुल्तान ने इस तरह जवाब दिया,


" क़ब्रो और कुब्बो को अभी उसी तरह बना दिया जाएगा कि इनका एहतेराम बना रहे और सुरक्षित रहे, लेकिन दोबारा बनवाने पर उन्होंने साफ साफ कहा कि पाक मकामात पर इस्लामी शरीयत ही के मुताबिक फैसला किया जाएगा और यही इस्लामी कानून यहां (हिजाज़) में लगाया जाएगा, जिसकी पैरवी सलफ़ अस सालिहीन और चारों इमामों ने कि है, दुनिया भर के उलेमा अगर इस का फैसला कर दें कि दोबारा इन क़ब्रो को बनवाना ज़रूरी है और जायज है, तो मैं इनको सोने और चांदी से बनवाने के लिए तैयार हूं,

नबी ए करीम मुहम्मद (Sws) के रोज़ा ए मुबारक के बारे में किसी की बहस की ज़रूरत नहीं, इसकी हिफाज़त करना हर मुसलमान पर फ़र्ज़ है , और मैं ये ऐलान करता हूं की इसकी हिफाज़त के लिए अपनी जान और परिवार को इस पर कुर्बान कर दूंगा...


Umair Salafi Al Hindi