Tuesday, June 9, 2020

SHAWWAL KE ROZE





रमज़ान हमारे बीच से चला गया है, वो तो आता ही है जाने के लिए, जब हम नहीं होंगे तब भी आएगा, पता नहीं इस रमज़ान में हमने अपनी बख्शीश करवा पाए या नहीं,

लेकिन अल्लाह तक दरवाजा रमज़ान के बाद भी खुला हुआ है पांचों वक़्त की नमाज़ पढ़ें और दुआओं का एहतमाम करें, अगर अल्लाह से और करीब होकर कुछ मांगना है तो तहज्जुद का एहतिमाम करें,

अगर हो सके तो शव्वाल के 6 रोज़े है उसे भी रख लीजिए, रमज़ान जाने का ग़म हल्का लगेगा,

सारी बनी ए आदम गुनाहगार है और सबसे बेहतरीन गुनाहगार वो है जो तौबा करले। , तौबा का दरवाज़ा आदमी के गरगरे की हालत तक खुला हुआ है,

गरगरे की हालत का मतलब जब इंसान बिस्तर ए मर्ग तक पहुंच जाता है और उसकी आवाज़ बंद हो जाती है,

UmairSalafiAlHindi