यूं दर दर झोलिया फैलाने की आदत नहीं है मुझे , मेरा रब खुद कहता है
" मुझे पुकारो मैं तुम्हारी पुकार सुनूंगा " (अल क़ुरआन 23:20)
और अल्लाह के सिवा जिन्हें तुम पुकारते हो वो तो खजूर की घुठली के छिलके के बराबर भी कुछ इख्तियार नहीं रखते ( अल क़ुरआन 35:13)
फिर तुम किस गुमराही में उलझे जा रहे हो ?
मेरा रब कहता है :-" ए नबी ( sws) तुम फरमा दो ! मैं तुम्हारे नफे वा नुकसान में कोई इख्तियार नहीं रखता " ( अल क़ुरआन 72:21)