Wednesday, January 27, 2021

ऐ नए साल बता, तुझमें नयापन क्या है।

 




ऐ नए साल बता, तुझमें नयापन क्या है।

हर तरफ खलक ने क्यूं शोर मचा रखा है।
रोशनी, दिन की वही, तारों भरी रात वही।
आज हमको नजर आती है हर एक बात वही।
आसमान बदला है अफसोस, ना बदली है ज़मीन।
एक हिंदसे का बदलना कोई जिद्दत तो नहीं।
अगले बरसों की तरह होंगे करीने तेरे।
कैसे ! मालूम नहीं बारह महीने तेरे।
तू नया है तो दिखा सुबह नई, शाम नई।
वरना इन आंखों ने देखें है नए साल कई