Sunday, January 3, 2021

फंसी हुई लड़की और मछुआरा

 



फंसी हुई लड़की और मछुआरा


मुहब्बत और फंसने के फर्क को तो समझते हैं ना आप लोग ??

एक लड़की ने बताया के सर मुझे एक लड़के से बहुत मुहब्बत है , वह पहले मेरे साथ बहुत अच्छा था , मुझसे इज़हार ए मुहब्बत करता था और कहता था के मैं तुम्हारे बगैर नहीं रह सकता , हर वक्त राब्ते में रहता था, मगर अब वह इग्नोर करता है मेरे मैसेज का जवाब नहीं देता है, कॉल नहीं उठाता जब उसका दिल हो बात कर लेता है वरना कहता है की मैं मसरूफ हूं, हालांकि वो कहीं मसरूफ नहीं होता, मुझे उसकी पूरी रूटीन पता है सर मुझे उससे मुहब्बत है, कुछ ऐसा बताएं कि वो ठीक हो जाए और मुझे मिल जाए ??

वो बार बार मासूमियत से गुफ्तगू के दौरान ये जुमला बोल रही थी के "सर मुझे उससे मुहब्बत है, सर मुझे उससे मुहब्बत है, "

मैंने ताल्लुक की तफसील लेने के लिए पूछा के उससे आपका ताल्लुक कैसे बना था ? क्यूंकि मेरे नजदीक "ताल्लुक की बुनियाद ही ताल्लुक को मुद्दत तय करती है," इस सवाल के जवाब पर लड़की ने बताया के उस लड़के ने ही ताल्लुक शुरू किया था,

"मैं तो उस ताल्लुक के लिए तैयार ही नहीं थी और ना ही मान रही थी वह लड़का ही मुझे हर वक्त मैसेज और काल करता था, मैंने उसे कई बार समझाया के मुझे इस किस्म के ताल्लुक में नहीं पड़ना, मगर वह मेरे पीछे पड़ा रहा .

यहां तक के मैं मान गई और वो मीठी मीठी बातों से मेरे दिल में दाखिल हो गया और मुझे उससे मुहब्बत हो गईं, मैं
भी उसपर मरने लगी, "

मैंने उससे मजीद पूछा के:- " क्या आपका उस लड़के से कोई जिस्मानी ताल्लुक भी था",

इस के जवाब में उस लड़की ने कहा के:-" सर पहले तो मैं मानती नहीं थी, और फिर आहिस्ता आहिस्ता उसने मुझे मना लिया और हमारे दरमियान सब कुछ हो गया, तब मुझे नहीं पता था के इस काम को मुहब्बत नहीं कहते ,"

मैंने उस लड़की को समझाया के:-" जिसे आप मुहब्बत कहती हो, उसे लड़कों को लैंग्वेज में जिस्मानी ताल्लुक बनाने के लिए लड़की फंसाना कहते हैं,"

यहां मैं आपको ये भी बताता चलूं के हमारे यहां लड़कियां ज्यादातर लड़कियों में ही रहती हैं इसलिए उनको लड़कों की लैंग्वेज नहीं आती, लड़कियों के लिए लड़कों की लैंग्वेज समझना बहुत अहम है, बेशुमार लड़के सिर्फ लड़कियों का जिस्म हासिल करने के लिए मुहब्बत का जाल इस्तेमाल करते हैं,

एक बार मैंने रिसर्च के तौर पर बेशुमार लड़कों से पूछा के आप लोग लड़कियों के साथ जिस्मानी ताल्लुक बनाने के लिए मुहब्बत को क्यों बदनाम करते हो ??

सबका यही जवाब था के:-" सर मुहब्बत का नाम इस्तेमाल किए बगैर लड़कियां अपने जिस्म को हांथ नहीं लगाने देती, कोई लड़की कितनी ही अच्छी और शरीफ क्यों ना हो मुहब्बत के लालच में फंस ही जाती है,"

मैंने उस लड़की को समझाया के उस लड़के ने आपको बड़ी होशियारी से फंसाया है आपको उससे मुहब्बत नहीं बल्कि आप फंस गई हो, बिल्कुल वैसे ही जैसे मछली कांटे में फंस कर तड़पती है, आप तड़प रहीं हो, और ऊपर से सादगी देखें के उस तड़पने को आप मुहब्बत का नाम दे रही हो,

खुद से झूट ना बोलें के मुझे उससे मुहब्बत है कहने के बजाए ये कहें के:-" मुझे उसने फंसा लिया है", ताकि जितना जल्दी हो सके आप खुद को उस कांटे से बाहर निकाल सकें, उसने आपको जो धोका देना था दे दिया, मगर अब आप ये कह कह कर के :-" मुझे उससे मुहब्बत है, मुझे उससे मुहब्बत है, खुद को धोका देना बंद करें,"

मैंने आगे कहा के आप तो मच्छली से भी सादा लड़की हो क्यूंकि मच्छली को भी मुफ्त में खाना खाने के बाद कांटे में फसने की समझ आ जाती है के मैं फंस गई हूं, और फिर वह अपनी बका वा खुशियों के खातिर कांटे से निकलने के लिए तड़पती और ज़िन्दगी की तरफ वापस लौटने के लिए ज़ोर लगाती है, वह अपने फंसने को मुहब्बत का नाम नहीं देती के:-" मुझे मुहब्बत हो गईं है, मैं मछुआरे की हूं और मछुआरा मेरा है, मुझे मछुआरा मिलेगा तो मैं ज़िंदा रहूंगी वरना मेरा जीना मुश्किल है, मैं मछुआरा के बिना मर जाऊंगी,"

वह, मैं मछुआरे का इंतजार करूं या आगे बढूं के लिए इस्तेखारे नहीं करवाती किसी से हिसाब नहीं लगवाती,

वह मछली उस झूठी उम्मीद के साथ जुड़ी नहीं रहती के शायद एक दिन मछुआरे को एहसास हो जाए और वह पलट कर हमेशा के लिए मेरा हो जाए, याद रखें मछलियां पकड़ना मछुआरे का काम होता है वह किसी एक मछली का नहीं होता , इसलिए वह आपका नहीं हो सकता,

मछुआरे की जाली और झूठी मुहब्बत ढूंदने की बजाए उसकी मुहब्बत से बाहर निकलने पर ज़ोर दें ,

"मुझे उससे मुहब्बत है, मुझे उससे मुहब्बत है " का विर्द करने की बजाए, " मैं फंस गई हूं, मैं फंस गई हूं " का विर्द करें , ताकि आपका ला शाऊर आपको उसकी झूठी मुहब्बत के लालच से निकलने में आपकी मदद करे, यही इस सारे मसले का हल है,

तर्जुमा: Umair Salafi Al Hindi
Blog: islamicleaks.com