जो आपके नसीब में है वह आपको जरूर मिलेगा चाहे हराम से चाहे हलाल से ,
लेकिन अगर आप उसे हराम से लेने को कोशिश करेंगे तो अल्लाह आपके हलाल की लज्जत ले लेगा ,
कुछ मियां बीवी पसंद की शादी के बावजूद बड़ी नाखुश ज़िन्दगी गुज़ार रहे होते हैं,
कभी सोचा है क्यूं ??
क्यूंकि वह शादी से पहले सब हराम से ले चुके होते हैं जो बाद में उनको मिल ही जाना था, इसलिए उनके हलाल की मिठास खतम हो जाती है,
आप किसी के साथ भले अपने मंगेतर के साथ ही मोबाइल फोन पर इन्वॉल्व हैं,
तो इतना याद रखें के महरम और नमहरम के कावानीन आपके दलीलों और हीलों बहानों से बदल नहीं जाएंगे , जो गलत है, वह गलत है, आप जितना हराम लेंगे उतना हलाल को खोते जाएंगे ,
लेकिन इसके अपोजिट अगर आप हराम छोड़ दें, जिस चीज से मना किया जा रहा है उसको अल्लाह के लिए तर्क कर दें तो अल्लाह वही चीज कुछ ही अरसे में आपको हलाल बनाकर दे देगा,
ये मैं नहीं कह रहा ,येे इमाम इब्न क़य्यूम ने सात सौ साल पहले कहा था, आप जानते हैं अल्लाह किसी का कुछ नहीं रखता, वह बहुत गैरत वाला है,
आप जो भी उसकी राह में सदका करें , या कुर्बानी, तो वह उसको कई गुना बरकत देकर आपको लौटा देता है,
इसलिए हराम को छोड़ दें, इस यकीन के साथ के अल्लाह इसको हलाल बना कर आपको लौटा देगा,
बाब (Chapter): और वहीं की आपके रब ने शहद की मक्खी की तरफ
साभार: बहन सबा युसुफ ज़ई
ब्लॉग: islamicleaks.com