ख़ास आदमी और एक कुम्हार
बादशाह ने गधों को कतार में चलते हुए देखा तो कुम्हार से पूछा
" तुम इन्हें किस तरह सीधा रखते हो ??
कुम्हार ने जवाब दिया के :-" जो भी गधा लाइन तोड़ता है मैं उसको सज़ा देता हूं बस इसी खौफ से ये सब सीधा चलते हैं "
बादशाह ने कहा :-" क्या तुम अपने मुल्क में अमन कायम कर सकते हो ??"
कुम्हार ने हामी भर ली, बादशाह ने उसे मंसब अता कर दिया, पहले ही दिन कुम्हार के सामने एक चोरी का मुकद्दमा लाया गया,
कुम्हार ने फैसला सुनाया के चोर के हाथ काट दो,
जल्लाद ने वज़ीर की तरफ देखा और कुम्हार के कान में बोला के :-" जनाब ये वज़ीर साहब का खास आदमी है "
कुम्हार ने दोबारा कहा के चोर के हाथ काट दो,
इसके बाद खुद वज़ीर ने कुम्हार के कान में सर्गोशी की के :-" जनाब थोड़ा ख्याल करें ये अपना खास आदमी है "
कुम्हार बोला:-" चोर के हाथ काट दिए जाएं और सिफारिशी की ज़ुबान काट दी जाए "
और कहते हैं कुम्हार के सिर्फ इस एक फैसले के बाद पूरे मुल्क में अमन कायम हो गया,
हमारे यहां भी अमन क़ायम हो सकता है मगर इसके लिए चोरों के हाथ काटना पड़ेंगे और कुछ लोगों की जबानें काटना पड़ेंगी,
इंशा अल्लाह हमारे मुल्क में भी अमन कायम होगा
साभार: शिजा सलफी
तर्जुमा: Umair Salafi Al Hindi
Blog: islamicleaks
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Friday, January 22, 2021
ख़ास आदमी और एक कुम्हार
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