एक लड़की स्कर्ट पहने जीन्स पहने टी शर्ट पहने घुटनों के ऊपर और नाभि के ऊपर कपड़े पहने खुले बाल और स्तन को दिखाते हुए रोड पर निकले तो यह उसका व्यक्तिगत मामला है।
वह स्वतंत्र है जो चाहे पहने जो चाहे न पहने नग्न ही रहे इस पर किसी को कोई आपत्ति नही है!
लेकिन अगर वही लड़की हिजाब पहन लें तो उस पर आरोपों के बौछार लगा दिए जाते. तब ऐसा लगता है कि स्वतंत्रता और व्यक्तिगत का कानून मुस्लिम महिलाओं पर लागू नही होते है।
स्कर्ट पहन लें तो स्वतंत्रता है और हिजाब पहन लें तो पिछड़ापन और कट्टरता है तब स्वतंत्रता तेल लेने चला जाता है।
दरअसल ऐसा कहने वाले दोयम दर्जे के दोगले होते है।
जो लोग हिजाब का विरोध करते है फैशन परेडो में मार्केट में अर्धनग्न लड़कियों के जिस्म के एक एक अंग को लालसा भरी नज़रों से देखते नही थकते है।
लेखक :- Azad Hashmi