Monday, January 25, 2021

बहनोई और साली




 बहनोई और साली


ये तो हम सब जानते हैं के बीवी के बहन के लिए हमारे समाज में लफ्ज़ " साली" है,

लफ्ज़ अगर्चे अच्छा नहीं लगता लेकिन इसी नाम से शुरू करते हैं, अमूमन बीवी की बड़ी बहनें शादीशुदा होती है और अगर गैर शादीशुदा भी हो तो वक्त के साथ साथ तबियत में संजीदगी आ चुकी होती है,

जबकि बीवी की छोटी बहनें उमर के उस मरहले में होती है जब ज़िन्दगी का हर रुख खूबसूरत और हर मोड़ दिलकश मालूम होता है,

ऐसे में बहन का शादी होना और एक नए फर्द यानी बहनोई का घर से ताल्लुक होना भी एक अलग रंग लिए होता है, समाज के आम चलन की वजह से अमूमन छोटी सालियां अपने बहनोई से हंसी मज़ाक की बातें भी करती हैं और अपने बहनोई का ख्याल भी बहुत रखती हैं, जब कभी बहन का अपने मायके जाना हो तो अक्सर यही सालियां बहन और बहनोई को बोरियत से बचाने के लिए उनको मुकम्मल वक्त देती हैं,

अब मर्द के रुख से कुछ बात हो जाए, हमारे समाज में एक मुहावरा मशहूर है

" साली आधी घर वाली"

अक्सर मर्द जब अपने अज़ीज़ दोस्तों ने बैठते हैं तो छोटी सालियों के नाम पर एक अजीब मुस्कुराहट उनके चेहरे पर आ जाती है, दोस्त अहबाब भी दो मायने जुमलों (Double Meaning Joke ) से इस मुस्कुराहट को मजीद गहरा करने में अहम रोल अदा करते हैं,

ये हकीकत अजीब सही लेकिन बहरहाल समाज में मौजूद है,अपने बहनोई के इस रुख से उनकी सालियां भी अक्सर बेखबर होती है,

अब इस्लाम के रुख से इस पहलू को देखते हैं,

इस्लाम के रुख से बहनोई साली का आपस में शरई पर्दा है, बहनोई साली का नामहरम है और घर के अंदर गाहे बगाहे उसकी मौजूदगी की वजह से इस पर्दे मे बहुत एहतियात की ज़रूरत है, ये ऐसी हकीकत है जिससे लड़की के मां बाप भी आंखें बंद किए रखते हैं,

अक्सर बहनोई भी इस पर्दे को ज़रूरी नहीं समझते, और सालियां " हमारे बहनोई तो हमारे भाई जैसे है" की सोच के साथ इससे सर्फ ए नज़र अंदाज़ करती हैं, और ये मिलान की खतरनाक हद बहनोई के इलावा किसी के इल्म में भी ना होगी,

और वह बहनोई कभी अपनी बीवी को भी इस मिलान का नहीं बताएगा !!!

ये ऐसा खामोश ज़हर है जिससे या तो वह मर्द वाकिफ है या अल्लाह ताला की जात उसके दिल का हाल जानती है, ना मर्दों मे इतनी ईमानी ताकत है के वह अपनी इस हरकत को तसलीम कर सकें,

साभार: Umair Salafi Al Hindi
Blog: Islamicleaks.com