क्या बेवा औरत का दिल नहीं होता ??
मैं आपको एक औरत का किस्सा सुनाता हूं और आप पढ़ कर बताएं क्या बेवा को शादी नहीं करनी चाहिए ??
एक औरत ने मुझे बताया के उसकी 4 बेटियां हैं और शौहर की मौत हो चुकी है,
कहने लगी मैं निकाह की ज़रूरत महसूस करती हूं क्यूंकि मैं अकेली बहुत डरती हूं, और फिर घर और बाहर की हर ज़िम्मेदारियां हैं मुझ पर है, जब घर से बाहर निकलती हूं तो लोग अजीब नज़रों से देखते हैं,
मैं चाहती हूं के निकाह कर लूं, ताकि मेरी जिम्मेदारियां भी कम हो जाएं, और लोगों की नज़रों से भी महफूज़ हो जाऊं ,ताकि हर किसी के दिल में ये हो के ये अब बेवा नहीं बल्कि फलां की बीवी है,
कहने लगी मेरी शादी में सबसे ज़्यादा मेरे भाई रुकावट बन रहे हैं, भाई कह रहें हैं अब क्या करोगी शादी करके ?? हम मौजूद हैं तुम्हारा ख्याल रखने को,
मेरा जवाब तो ये है,
सबसे पहली बात ये है के बेवा या तलाक याफ़्ता की शादी का अल्लाह ने हुकम दिया है, अल्लाह से बढ़कर हकीम जात किसकी हो सकती है,
दूसरी बात ये है के कोई भाई किसी बहन का सारी ज़िन्दगी सहारा नहीं बन सकता ,
तीसरी बात: मियां बीवी को अल्लाह ने एक दूसरे का लिबास कहा है,
जिस तरह लिबास पूरी ज़िन्दगी के लिए ज़रूरी है उसी तरह ये रिश्ता भी इन्सान की पूरी ज़िन्दगी की ज़रूरत है,
मुझे ऐसे भईयों पर ताज्जुब है जो खुद तो चार शादियों की ख्वाहिश रखते हैं, लेकिन बहन से कहते हैं :-" तुम्हे अब शादी की क्या ज़रूरत है "
साभार: Umair Salafi Al Hindi
Blog: Islamicleaks.com