Tuesday, February 9, 2021

गोल रोटियां

 





गोल रोटियां

परेशानी उसके चेहरे से साफ बयां थी, शादी के चंद दिन बाद ही आज तीसरी बार रोटियां गोल नहीं बनी थी, उसे यकीन था के आज उसकी खैर नहीं,

खाने के दौरान उसकी सास ने उसे देखा और फिर उसके कानों में उनकी शाफ्फक्कत भरी आवाज़ आई,

" बेटी ! कोई बात नहीं

गोल रोटियां बहू के अच्छे किरदार और मां बाप की बेहतरीन तरबियत और तहज़ीब से बड़ कर नहीं, नबी ए अकरम मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने कभी खाने में ऐब नहीं निकाला, पसंद आता तो खा लेते वरना उठकर चले जाते बाक़ी ये तुम्हारा अपना घर है सीख जाओगी, आओ खाना खाएं "

कोई इन्सान अपना जिगर का टुकड़ा किसी को ऐसे नहीं देता दूसरों की बेटियों को अपनी बेटी समझें ताकि आपकी अपनी बेटी दूसरे घर जाए तो ऐसा ही अच्छा सुलूक हो,

साभार: Umair Salafi Al Hindi
Blog: Islamicleaks.com