Sunday, February 21, 2021

JHOOTE AUR MAKKAR LOG

 



झूठे और मक्कार लोग !


मुसलमानों ने अपनी किस किस चीज़ की हिफाज़त की ??

क़मरी तारीख़ गुम ,जिसका तैय्युन अल्लाह ताला ने तख़लीक़ ए कायनात के रोज़ ही कर दिया है के महीना कब 29 का होगा और कब 30 का , सुरा तौबा आयत 36, सुरा यूनुस आयत 5, सुरा बकरह आयत 189,

अरबी ज़बान की तो कोई फ़िक्र ही नहीं की, क़ुरआन मजीद हिन्दी में पढ़ा जाने लगा, आज उर्दू को बचाने की जुगत लगी हुई है ?? उनसे किसी भी इस्लामी सरमाया की हिफाज़त ना हो सकी ??

किताब वा सुन्नत तो बेशक महफूज़ वा मुदावविन हैं, लेकिन क्या मुसलमानों ने उनके रंग में अपनी ज़िन्दगी गुजारने और अपनी रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में उन्हें उतारने की फिक्र की ??

ईमान वा अकीदा और अमल वा अखलाक में किताब वा सुन्नत से कितने दूर हैं ??

मस्जिद में अल्लाह अल्लाह , बाहर की दुनिया में गैर अल्लाह ? शादी ब्याह हिंदुआना वा मुश्रिकाना ??

हराम सूद को तो पहले ही हलाल कर लिया गया है, अब जिनाकारी को भी सनद ए जवाज़ फराहम किया जा रहा है,

तिलक, घोड़ागाड़ी ,कैश, शाज ओ सामान और जबरी दहेज ना मिलने पर बेटों की शादी में इतनी ताखीर के बूढ़ा हो जाए , जानवरों से बदतर ज़िन्दगी गुजारने के लिए बच्चे मजबूर हो जाएं, खुले सांड की तरह घूमते फिरते रहें लेकिन उन्हें कोई परवाह , कोई गैरत नहीं, मगर उनके आंगन में झूठी शराफत का शजर लगता है ??

सोना दहा जाए और कोयले पर छाप/मारामारी, इनका वजूद तो दुनिया के बदतरीन लोगों के निशाने पर है लेकिन क्या किया जाए के शादी में अहले हदीस, वहाबी, हनाफि देवबंदी और सुन्नी गैर सुन्नी की आवाज़ उठायेंगे जबकि कलमा याद नहीं, इतना भी इल्म नहीं के हराम और हलाल में कैसे फर्क किया जाता है ??

ऐसे में तुझे कौन नहीं रौंदेगा ?? फिर भी ये लोग रहमान की रहमत के उम्मीदवार बैठे हैं ?? झूठे और मक्कार लोग !!

साभार : Umair Salafi Al Hindi
Blog: islamicleaks.com