रिश्तों की बुनियाद क्या है ?
मैंने अपने आप से सवाल किया,खून के रिश्ते ? रिश्तेदारियां ? दोस्ती के बंधन या ताल्लुक ??
नहीं !!! असल रिश्ते दरअसल एहसास के रिश्ते है, बंधन कोई भी हो, अगर एहसास नहीं तो कुछ भी नहीं,
ये एहसास ही तो है जो अपनों को गैर और गैरों को अपना कर देता है, रिश्ता जात और फिरकों का मोहताज नहीं होता,
दूसरों की छोटी छोटी खुशियों, ज़रूरतों, और चाहतों का एहसास ही दरअसल तहायात कायम वा दायम रहने वाले रिश्तों का सुतून है,
एहसास खतम रिश्ता खत्म