एक मुरीद अपने पीर साहब की टांगें दबाने के साथ साथ अपना मसला भी बयान कर रहा था ,उसी दौरान पीर साहब की आंख लग गई, लेकिन मुरीद लगातार पीर साहब की टांगें दबाता रहा और अपनी परेशानी भी पीर साहब के गोश गुज़ार करता रहा,
इतने में पीर साहब की आंख खुल गई और वह बोले ," हां ! तो क्या बता रहा था ?? मैं सुन नहीं सका आंख जो लग गई थी, अब दोबारा बता अपना मसला ??"
ये सुनते ही मुरीद को जोरदार झटका लगा और वह एक दम खड़ा हो गया और कहने लगा , " पीर साहब क्या आपने वाकई नहीं सुना ..!!?"
पीर बोला ," हां मेरी आंख लग गई थी, आंख खुल गई है अब बोल ??"
मुरीद बोला ," पीर साहब आंख आपकी नहीं मेरी खुल गई है, जब आप सोए हुए नहीं सुन सकते तो मरने के बाद कैसे सुनेंगे "
और पीर ने शोर मचा दिया ," पकड़ो इस गुस्ताख को ये वहाबी हो गया है "
साभार: Umair Salafi Al Hindi
Blog: Islamicleaks