मर्द एक ऐसी जा़त है के जिसके साथ अगर थोड़ी सी हमदर्दी की जाए थोड़ी सी केयर की जाए, थोड़ा सा प्यार दिया जाए, थोड़ी सी चाहत दी जाए,
जब वह दुखी हो उसे हौसला दिया जाए, उसके उठने बैठने ,खाने पीने का ख्याल रखा जाए,
अगर वह कुछ कह भी दे तो दरगुज़र किया जाए ,दुनिया का कोई मर्द बुरा हो ही नहीं सकता ,
अल्लाह ताला ने औरत में ऐसी खूबी दी है के वो मर्द के अंदर सोए हैवान को भी जगा सकती है और सोए फरिश्ते को भी, बस वह औरत के हाथ में है के वह मर्द को फरिश्ता बनाना चाहती है या हैवान,
साभार: हाफ़िज़ अब्दुल खालिक भट्टी
तर्जुमा: Umair Salafi Al Hindi
ब्लॉग: Islamicleaks.com