Thursday, July 9, 2020

IKHWANION KA DOGLAPAN AUR SAUDI ARAB







लोगो का दोगलापन देखिए जिस ईरान ने 1980 तक और तुर्की ने 2014 तक अमेरिका से घनिष्ठ मित्रता निभाई अपने मुल्क मे शराब, वैश्यावृत्ति नंगेपन को आधिकारिक तौर पर बढ़ावा दिया इतना की लोग ईरान के तेहरान यूनिवर्सिटी के बाहर 1978 की ठंडी में अपनी टांगे दिखाती बैठी मिनी स्कर्ट मे लड़कियों को देख कर अमेरिकी बोलते थे कि हमारे हा भी लडकिया कॉलेज मे ऐसे छोटे कपड़े पहन कर नही आ सकती

वही तुर्की दुनिया मे अय्याशी की टॉप पांच मे से एक देश रहा इस नंगे पन बेशर्मी अय्याशी के बदले मे ईरान और तुर्की को अमेरिका, ब्रिटैन कनाडा ने वो आधुनिक हथियार दिए कई दूसरी टेक्नोलॉजी बनान सिखाई वो सब दिया जो अरब वालो को तेल के बदले भी नही दिए जब कि अरब उसकी दुगनी कीमत चुकाने को तौयार थे वजह थी इज़राइल उनको मालूम था इज़राइल को इनसे खतरा है ।

आज भी तुर्की के हथियारो में बोइंग, लॉकहीड मार्टिन, रैयथोन ,नार्थथोर्प गनमैन, जनरल डायनामिक ये सारी अमेरिकी हथियार कंपनी तुर्की को हथियार बनाने चिप, इंजन, कंट्रोल सिस्टम बेचती है ।

लेकिन अरबो ने इस बेहयाई का सौदा नही किया वो जो भी अमेरिका से करवाते, जितना काम लेते अपनी शर्तों पर लेते साफ बोल कर लेते की हम दो चीज़ों से समझौता नही करते इस्लाम और हमारी हुक्मरानी लेकिन आज तुर्की मीडिया, अल जज़ीरा ,ईरान की प्रेस टीवी जो अपने आप को इस्लामिक बताते है और दूसरों को गैर इस्लामिक वो सऊदी अरब के खिलाफ अमेरिकी मीडिया के साथ मिल कर रिपोर्ट पब्लिश करते है अमेरिका ब्रिटैन कनाडा मे देखो यहा कोड़े मारे जाते है, यहा सरे आम सर कलम किया जाता है कैसे जाहिल किस्म के लोग है सऊदी और अरब वाले ताकि सऊदी वाले जो अपनी संस्कृति से बिना या कम से कम समझौता किये अमेरिका, ब्रिटैन से सारी आधुनिक टेक्नोलॉजी बनाना सीख कर 2030 आत्मनिर्भर और ताकतवर बनना चाहते है पश्चिम देश की जनता के दबाव मे न बने साथ ही ये मुसलमानो को अरब के खिलाफ भड़कते और तुर्की ईरान भक्त बनाना चाहते है ठीक उसी तरह मीडिया को खरीद के इस्तेमाल कर के जैसे भारत मे हो रहा है

और दोगले मुसलमान हमारे बीच के भक्त से एक कदम आगे की जहालत दिखाते है !

Hussain Akhtar