रिज़क और किस्मत
रिज़क सिर्फ अल्लाह के हाथ में है, जिसे चाहता है कम देता है। जिसे चाहते है ज़्यादा देता है,
रिज़क की कमी बेशी में अल्लाह की तरफ से आजमाइश होती है, लिहाज़ा जिसे रिज़क में फराखी नसीब हो वो अल्लाह का शुक्र अदा करे और जिसे तंगी हो वह सब्र करे और सिर्फ अल्लाह ताला से ही रिज़क का सवाल करे, हर इंसान की उम्र के साथ साथ उसका रिज़क भी मुकर्रर है,
चुनानचे एक रिवायत के मुताबिक जब इंसान अभी अपने मां के पेट में होता है उसकी उम्र, रिज़क, और नेक होगा या बुरा लिख दिया जाता है, ( सही जमे उस सगीर 1543 , अबू दाऊद हदीस 4708)
और जो रिज़क किस्मत में लिख दिया गया है फिर वह पूरा मिलकर ही रहता है उसमे कुछ भी कमी नहीं होती,
चूनंचे फरमान ए नबवी है :-" कोई नफ़्स भी उस वक़्त तक नहीं मर सकता जबतक उसका रिज़क पूरा ना हो जाए " ( सही जमे उस सगीर 1702, सिलसिला तुस सहिहा 2866)
लिहाज़ा जब ये बात तय है के हर एक का रिज़क मुकर्रर है तो फिर रिज़क की जुस्तजू में दीनी वाजिबात ( नमाज़, रोज़ा, हज्ज़ ) में किसी किस्म की कोताही नहीं करनी चाहिए और ना ही बच्चों को दीनी तालीम से दूर रखना चाहिए उस नीयत से के बच्चे दीन पड़ेंगे तो माली मुश्किलात का सामना करेंगे और डॉक्टर इंजिनियर बनेंगे तो उसका मुआशि मुस्तकबिल रोशन होगा ,
रिज़क में फाराखी के नुस्खे
अल्लाह ताला का इरशाद है
" (हज़रत नूह ने अपने कौम की शिकायत करते हुए अल्लाह ताला से अर्ज़ किया ) मैंने कहा के अपने रब से इस्तगफर करो वह यकीनन बड़ा माफ़ करने वाला है, वह आसमान को खूब बरसता हुआ छोड़ देगा, और तुम्हे खूब पेदरपे माल
और बेटों में तरक्की देगा और तुम्हे बागात देगा और तुम्हारे लिए नहरें निकाल देगा " (क़ुरआन सूर नूह 10-11)
और बेटों में तरक्की देगा और तुम्हे बागात देगा और तुम्हारे लिए नहरें निकाल देगा " (क़ुरआन सूर नूह 10-11)
हज़रत हसन बसरी रह्महुल्लह से मरवी है के किसी ने उनसे आकर सूखा की शिकायत की तो उन्होंने उनसे इस्तगफार की तलकीन की, किसी दूसरे ने फक्र ओ फाके की शिकायत की उन्होंने उसे भी यही नुस्खा दिया, एक और ने अपने बाग़ सूख जाने का शिकवा किया उन्होंने उसे भी फ़रमाया इस्तागफार कर,
एक ने कहा मेरे घर औलाद नहीं होती, उसे भी कहा अपने रब से इस्तागफार कर, किसी ने जब उनसे पूछा कि आपने उसे भी इस्तागफार की तलकीन क्यूं की ??
तो आपने यही आयात तिलावत करके फ़रमाया के मैंने अपने पास से ये बात नहीं की, ये वह नुस्खा है जो इन सब बातों के लिए अल्लाह ताला ने बतलाया है ( तफसीर एहसानुल बयान )
UmairSalafiAlHindi
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