बदतरीन लोगों के बारे में ?
हज़रत आयशा से रिवायत है के हज़रत उम्मे सलमा ने नबी ए करीम मुहम्मद (Sws) से एक गिरजे का ज़िक्र किया जो उन्होंने मुल्क ए हब्शा (इथोपिया) में देखा था और उसमें जो तस्वीर थी उसके बारे में बयान किया,
नबी करीम मुहम्मद (Sws) ने इरशाद फरमाया :- " उन लोगों में ये रिवाज था के जब कोई नेक आदमी मर जाता तो वो उसकी क़ब्र के करीब मस्जिद बना लिया करते और मस्जिद में उस मरने वाले की तस्वीर टांग दिया करते, वो लोग जो ऐसा करते थे अल्लाह के नजदीक बदतरीन लोग थे उन्होंने दो फित्ने अंजाम दिए, एक तस्वीर साजी का दूसरा क़ब्रपरस्ती का "
(सही बुखारी हदीस 427)
क्या उम्मत ए मुहम्मदी में ये फित्ने आ नहीं गए ??
क्या ऐसा हमारे यहां मजारो और खानकाहों में नहीं होता ??
क्या ऐसा हमारे यहां मजारो और खानकाहों में नहीं होता ??