कौन कहता है मर्द नहीं रोते? असली मर्द तो अपने रब के सामने रोते हैं!
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وقال عبد الله بن شداد، " سمعت نشيج عمر، وأنا في آخر الصفوف يقرأ: {إنما أشكو بثي وحزني إلى الله} [يوسف: ٨٦] "
अब्दुल्लाह बिन शद्दाद ताबई कहते हैं कि मैंने नमाज़ पढ़ते हुए उमर رضیﷲ عنه के रोने की आवाज़ सुनी जबकि मै आखिरी सफ़ में था, और वो ये आयत पढ़ रहे थे "(याकूब AS ने कहा) बेशक मैं अपनी परेशानियों और गमों की शिकायत सिर्फ़ अल्लाह से करता हूं।" (Surah Yusuf : 86)
( صحیح البخاری قبل رقم : 716 ، ذکرہ تعلیقا و وصله سعید بن منصور باسند حسن