Tuesday, June 15, 2021

इतिहास के पन्नों से

 




इतिहास के पन्नों से

ये तस्वीर 11 दिसंबर 2002 की है जब जॉर्ज बुश तैयब एरडोगन से मीले थे हैरत की बात ये है की उस वख्त एरडोगन सत्ता में नही बल्कि विपक्ष मे अध्यक्ष थे
25 फरवरी 2003 को एरडोगन की पार्टी सब के उम्मीद के उलट 363 सीट के साथ बहुमत से जीत जाती है और सिर्फ पांच दिन बाद 1मार्च 2003 को तुर्की की संसद मे अमेरिका की इराक पर चढ़ाई के समर्थन मे बिल आता और पास होता है

फिर अमेरिका ने अपने 62 हज़ार सैनिक, 250 लड़ाकू विमान और 65 हेलीकॉप्टर तुर्की में स्थित नाटो सैनिक अड्डे इंक्रिलिक मे भेजे जो यूरोप का सबसे बाद नाटो का सैनिक अड्डा है तुर्की में जिसे आज भी अमेरिका सीरिया, लीबिया इराक मे बम्बारी के लिए इस्तेमाल करता है

ये ज़रूरी था क्यो की अमेरिका को कुवैत छोड़ कर सारे अरब मुल्को ने सैन्य अड्डा या अपनी ज़मीन किसी भी तरीके से इराक के खिलाफ इस्तेमाल करने देने से साफ मना कर दिया था लेकिन कुवैत अकेला काफी नही था तुर्की मे एरडोगन के समर्थन की वजह से अब इराक दो तरफ से घेरा गया था

साथ ही एरदोगान ने अमेरिका को अपनी तुर्की सेना का परांजर झील बेस भी इस्तेमाल के लिए दे दिया और साथ ही 5000 तुर्की सैनिको को तुर्की इराक बार्डर पर तैनात कर दिया

06 मार्च 2003 को अमेरिका के रक्षा सेक्रेटरी कॉलिन पॉवेल (जो फ़ोटो मे दूसरी तरफ है) उन्होने प्रेस को बताया तुर्की और एरदोगान का धन्यवाद करते हुए की तुर्की को 8 बिलियन डॉलर का तुरंत भुगतान किया गया है साथ ही रक्षा आविष्कारो के लिए 24 बिलियन डॉलर बहोत ही कम ब्याज दर पर दिया गया है

आज बहोत से भाई उसी एरडोगन को जो अभी कोरोना मे भी इज़राइल को मदद भेजा था उसे अमीर उल मोमिनीन दुनिया का सबसे अच्छा मुस्लिम हुक्मरान वगैरह बोलते है जब की ऐसा बोला जाता है की उसने बहोत आवाज़ उठायी है लेकिन नज़र ऐसा आता है जितना उसने आवाज़ उठायी उतनी इज़राइल और अमेरिका की हिम्मत बढ़ी क्यो की
आज तक 75 सालो में इज़राइल ने अपना राजधानी जेरुसलम को बोलने की हिम्मत नही की अमेरिका ने पहली बार अपना दूतावास जेरुसलम शिफ्ट किया इज़राइल के सबसे खतरनाक जान माल का नुकसान करने वाली बम्बारी गाज़ा में दो बार हो गयी एरडोगन के ही राज में हुई

सोचने वाली बात है की हम हर दूसरी छोटी छोटी बात पर अमेरिक इज़राइल की साज़िश ढूंढते है लेकिन शायद असली साज़िश यहूद नासरा ऐसी खेलते है की हम को बज़ाहिर वो बहोत आकर्षित करती है और ये सोच कर वो ऐसा खेल खेलते है की हमारा उस पर ध्यान भी जाए तो सकारात्मक रूप मे और हम फालतू चीज़ों मे साज़िशें ढूंढते रह जाए।