Monday, June 28, 2021

आज अमेरिका व यूरोप की जो भी चमक दमक है

 



लिखने के लिए तो इतना कुछ है कि ज़िन्दगी कम पड़ जायेगी, फैक्ट मैटीरियल कम नहीं होंगे। फिर भी जो कुछ हो सकता है वो लिखता रहूंगा।


आज अमेरिका व यूरोप की जो भी चमक दमक है वो ज़ायोनिस्ट यहूदी बैंकर्स और मल्टी नेशनल कॉरपोरेट की ज़ाती मिल्कियत है इसमें अमेरिकी अवाम का कुछ भी नहीं है। चंद एक अमीर खानदानों की शानो-शौकत को ऐसे दिखाया जाता है जैसे हर अमेरिकी और यूरोपियन नागरिक दोलत की रेलमपेल में लबरेज़ हो।

सरकार 75 ट्रिलियन से ज़्यादा की कर्ज़दार है और अमेरिका के तमाम कुदरती वसायल पर यहूदी पूंजीपति काबिज़ हैं। रेल, सड़क व हवाई ट्रांसपोर्ट टोटल प्राइवेट है। फिल्म इंडस्ट्री प्राइवेट, खेती ज़राअत तमाम कुछ बड़े लैंडलॉर्ड की मिल्कियत है।

अमेरिका की पच्चीस करोड़ अवाम पर कुछ गिनती के खानदानों का शिकंजा कसा है अवाम को बेहयाई, फहाशी में डुबो दिया गया है। तमाम आबादी मल्टी नेशनल कॉरपोरेट की बंधुआ मज़दूर बन चुकी है।

पच्चीस करोड़ अवाम को बैंकों का मकरूज़ बना दिया गया है। फैमिली सिस्टम तबाह है मैरिज इन्स्टीट्यूशन्स बरबाद हो चुके हैं। वूमेन लिबर्टी के नाम पर औरतो की अस्मतदरी का बाज़ार गर्म है।

पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने कहा था कि अमेरिकी अवाम की आधी से ज़्यादा आबादी बिना शादी के पैदा हुई नाजायज़ औलादें हैं।

क्रिमिनल और मेंटली डिस्टर्ब लोगों की तादाद बढ़ती जा रही है। जेलें क़ैदियों से भरी हुई हैं। डिप्रेशन का माहौल अमेरिकी अवाम में आम हो चुका है इसी वजह से आये दिन कोई सिरफिरा गन लेकर पब्लिक प्लेस में पंहुचता है और फायरिंग करके बेगुनाहों को मार डालता है।

ना मरने वालों को पता होता कि उन्हें क्यों मारा गया है और ना मारने वाले को पता होता है कि वो क्यों लोगों को मार रहा है। वहां इन्सानियत रो रही है और हम दूर के ढोल से मरऊब होकर अपने यहां भी वही खोखली चमक दमक लाना चाहते हैं।

Muhammad Shaheen

Blog: Islamicleaks