Sunday, June 20, 2021

दिलों का सुकून सिर्फ अल्लाह की याद में है




 मैंने अक्सर लोगों को ये कहते हुए सुना है के हमारा इबादत में दिल नहीं लगता , सुकून नहीं मिलता , हमने इस लिए इबादत करनी छोड़ दी,


ये सुनकर दुख होता है क्योंकि अल्लाह फरमाता है के ," दिलों का सुकून सिर्फ अल्लाह की याद में है"

जब उसने हमारा सुकून अपने पास रख लिया हुआ है तो हम क्यों भटकते रहते हैं ?? हम क्यों इतने प्रैक्टिकल हो गए हैं के उसकी इबादत करने में भी अपना मतलब तलाश करते हैं ??

साभार: Umair Salafi Al Hindi
Blog: islamicleaks