Tuesday, June 8, 2021

ये तो एक खेल खेल रहें हैं,

 



शैख अल्लामा रबी बिन हादी मदखली से सवाल किया गया था के क्या ये जिहाद हैं के एक शख्स यहूदी को पत्थर मारता है और वह जवाब में बीसियों अफ़राद को कत्ल कर देते हैं,


जवाब:

"हरगिज़ जिहाद नहीं है, ये तो एक खेल खेल रहें हैं, और शरियत में इसकी कोई मिसाल नहीं मिलती ,"

और मजीद इस सवाल के जवाब में फरमाया:

" फुकाहा किताब उल जिहाद को इसलिए किताबुल ईमान किताबुल इल्म और किताबुल तहारह के बाद में लिखते हैं ताकि जिहाद करने वाले शक्श को पहले इल्म हो के जिहाद कैसे करना है और किस वक्त करना है और जिहाद कब फर्ज होता है"

और आखिर में उन्होंने फरमाया:" जिहाद के बारे में वो उलेमा फतवा दे रहें हैं जिन्हे तहारत के मसाइल का इल्म नहीं"

और एक जगह उन्होंने इस बात की भी वजाहत की है के ," फलस्तीनियों का अपना रहन सहन और सिकाफत तो यहूदियों जैसी है, पहले वह खुद तो इस्लाम की तरफ लौटें और फिर हमारी बहनें नंगे सर और बगैर पर्दा के यहूदी फौजियों के सामने एहतेजाज कर रही होती हैं ये कौनसा इस्लाम है अल्लाह हमें सही इस्लाम को समझ अता फरमाए"

साभार: शैख अब्दुल खालिक भट्टी
तर्जुमा: Umair Salafi Al Hindi
Blog: islamicleaks