Sunday, June 27, 2021

हाइपर-कैपनिया 'Hypercapnia

 



हाइपर-कैपनिया 'Hypercapnia' बीमारी बहुत अधिक समय तक मास्क पहने रहने की वजह से बढ़ रही है, इस बीमारी में इंसान के फेफड़ों में कॉर्बनडाइऑक्साइड का स्तर ज़्यादा बढ़ जाता है, जिससे मरीज़ ठीक से सांस नही ले पाता, उसकी मांसपेशियों में, सर में दर्द रहने लगता है, गम्भीर हालत में मरीज़ बेहोश हो सकता है या उसकी मृत्यु तक हो सकती है !!


कोविड की वजह से जिस मास्क के पहनने को दुनियाभर के देशों में अनिवार्य किया जा रहा है, इसी मास्क से हमारे फेफड़े खराब हो रहे हैं, दरअसल नाक के मास्क से कवर रहने की वजह से इंसान की सांस में उसी की छोड़ी हुई कॉर्बनडाइऑक्साइड वापस चली जा रही है, जिससे फेफड़े उत्तरोत्तर ख़राब होते जा रहे हैं.
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भारत मे मौजूदा ऑक्सीजन संकट के पीछे बड़ी वजह ये हो सकती है कि पिछले वर्ष कई महीनों तक नगरीय और महानगरीय इलाकों में कामकाजी लोगों ने अनिवार्य रूप से मास्क पहना है, जिससे उनके फेफड़ों पर प्रतिकूल असर पड़ा है.

आज देश का कामगार, मजदूर, बुजुर्ग और महिलाओं की आबादी का एक बड़ा हिस्सा लम्बे समय तक मास्क पहनने की वजह से हाइपर-कैपनिया से ज़्यादा या थोड़ा, किसी हद तक पीड़ित ज़रूर है, वरना पिछले साल तो कोरोना फैलने के बावजूद लोगों की सांसें इस क़दर नही फूली थीं.

क्योंकि उससे पहले सारे देश को मास्क की अनिवार्यता कभी नहीं थी, सो लोगों के फेफड़े भी ठीक थे......

डॉ विश्वरूप रॉय चौधरी पर विश्वास न कीजिये... ख़ुद गूगल या यूट्यूब पर दूसरे स्रोतों से Hypercapnia के बारे में जानकारी हासिल कीजिए

आप खुद विश्वास करेंगे कि किस तरह साधारण कोरोना को प्राणघाती कोरोना, कोविड प्रोटोकॉल ने ही बना दिया है !!