सबसे पहले ये समझ लीजिए कि हमास का मतलब पूरा फिलिस्तीन नहीं है हरगिज़ नहीं है। फिलिस्तीन की 80% आबादी आज भी मिस्र, जॉर्डन, तुर्की, लेबनान, सीरिया और सऊदी अरब में मुहाजिर बनकर रह रही है। बड़ी तादाद को इन मुल्कों की नेशनैलिटी भी मिल चुकी है। इन मुहाजिरीन में हमास का हामी शायद ढूंढने से भी ना मिले।
अब आइये फिलिस्तीन..यहां भी गाज़ा स्ट्रिप और वेस्ट बैंक, दो जगह फिलिस्तीनी आबादी है वेस्ट बैंक में हमास का हामी चुहिया का बच्चा भी नहीं मिलेगा। यहां यासिर अराफात के इंतकाल के बाद वजूद में आए अल फतह की ऑटोनॉमी हुकूमत है जो इस्राइल के ज़ेरे इंतज़ाम चलती है इससे पहले गाज़ा स्ट्रिप और वेस्ट बैंक, दोनों जगह फिलिस्तीन अथॉरिटी बनाकर PLO की ऑटोनॉमी हुकूमत हुआ करती थी। अल फतह और हमास कैसे वजूद में आए और इनमें आपसी खानाजंगी किन मुद्दों पर चली, इस पर बाद में किसी पोस्ट पर विचार कर लेंगे।
अब आइये गाज़ा स्ट्रिप..
यहां फिलिस्तीन की सबसे बड़ी आबादी करीब 16 लाख बसती है ये एवरेज आठ किलोमीटर चौड़ी और 45 किलोमीटर लम्बी मुख्तसर सी साहिली पट्टी है। गाज़ा में हमास का गढ़ है और मुकम्मल कन्ट्रोल भी है लेकिन यहां भी हमास को 100% सपोर्ट नहीं है अलबत्ता चूंकि हमास ताक़त और गुंडई के ज़ोर पर ग़ालिब है इसलिए इसके मुखालिफ आवाज़ें दब जाती हैं।
कहने का मतलब ये है कि कुछ लोग हमास का मतलब पूरा फिलिस्तीन समझते हैं वो ग़लती पर हैं और प्लास्टिक गाज़ियों ने अन्दर की सच्चाई लोगों को कभी बताई ही नहीं।
Muhammad Shaheen