वह हदीस जिसको जब अबू इदरीस अल खौलानी बयान करते तो घुटनों के बल गिर पड़ते थे,
ऐ मेरे बंदों ! मैने अपने ऊपर जुल्म को हराम करार दिया है,इसलिए मैने तुम्हारे दरमियान भी जुल्म को हराम करार दिया है, पस तुम आपस में एक दूसरे पर ज़ुल्म ना करो,
ऐ मेरे बंदों ! तुम सब गुमराह हो मगर उस शख्स के जिसको मैं हिदायत बख्शू, पस तुम मुझसे ही हिदायत चाहो, मैं तुम्हे हिदायत दूंगा,
ऐ मेरे बंदों ! तुम सब भूखे हो (यानी खाने के मोहताज हो), मगर उस शख्स के जिसको मैं खिला दूं, पस तुम सब मुझसे खाना मांगों, मैं तुम्हे खिलाऊंगा,
ऐ मेरे बंदों ! तुम सब नंगे हो ( यानी सतरपोशी के लिए कपड़े के मोहताज हो ),मगर उस शख्स के जिसको मैंने पहनने के लिए दिया , पस तुम सब मुझसे लिबास मांगों, मैं तुम्हे पहनाऊंगा ,
ऐ मेरे बंदों ! तुम रात दिन गुनाह करते हो और मैं तमाम गुनाहों को माफ करता हूं, पस तुम सब मुझसे ही मगफिरत तलब करो, मैं तुम्हे माफ कर दूंगा ,
ऐ मेरे बंदों ! तुम हरगिज मेरे नुकसान तक नहीं पहुंच सकते के तुम मुझको नुकसान पहुंचा सको, और हरगिज तुम मेरे नफा को नहीं पहुंच सकते के तुम मुझे नफा पहुंचा सको,( यानी तुम मुझे नफा नुकसान पहुंचाने पर कादिर नहीं )
ए मेरे बंदों ! अगर तुम्हारे अगले और पिछले इंसान और जिन्नात मिलकर तुम में से किसी एक निहायत परहेजगार आदमी के दिल की तरह हो जाएं तो इसे मेरी बादशाही में कोई ज्यादती नहीं होगी,
ए मेरे बंदों ! अगर तुम्हारे अगले और पिछले इंसान और जिन्नात मिलकर तुम में से किसी बदकार आदमी के दिल की तरह हो जाए तो इससे मेरी बादशाही में कोई कमी नहीं कर सकती,
ए मेरे बंदों ! अगर तुम्हारे अगले और पिछले इंसान और जिन्नात मिलकर एक खुले मैदान में खड़े हों और मुझसे फिर मांगें और मैं हर एक को उसके मांगने के मुताबिक दूं तो मेरा ये देना उस चीज से जो मेरे पास है इतना ही कम करती है जितना के एक सूई समुंदर में डालकर उसके पानी को कम करती है,
ऐ मेरे बंदों ! यकीनन ये तुम्हारे अमाल हैं जिनको मैं तुम्हारे लिए गिनकर रखता हूं,फिर मैं तुम्हे उनका पूरा पूरा बदला दूंगा , पस जो शख्स भलाई पाए तो उसे चाहिए के वह अल्लाह की तारीफ करे, और जो शख्स इसके अलावा पाए पस वह अपने नफ्स को ही मलामत करे,
(हदीस ए कुदसी, रवाह मुस्लिम, तिरमिजी, इब्न माजा)
" जो नेकी करेगा वह अपने जाती भले के लिए और जो बुराई करेगा उसका वबाल उसी पर है, फिर तुम सब अपने परवरदिगार की तरफ लौटाए जाओगे "
(कुरआन 45:15)
" जो शख्स नेक काम करेगा वह अपने नफा के लिए और जो बुरा काम करेगा उसका वबाल उसी पर है, और आपका रब बंदों पर ज़ुल्म करने वाला नहीं "
(कुरआन 41:46)
अल्लाह ताला हमारे गुनाहों को माफ फरमा..आमीन
साभार: Umair Salafi Al Hindi
Blog: Islamicleaks