Monday, July 5, 2021

औरत जब तांजिया कहती है के , " आपको तो बस एक ही काम की मुहब्बत है "

 



औरत जब तांजिया कहती है के , " आपको तो बस एक ही काम की मुहब्बत है "


तो हकीकत में आप उसी साख को काट रही होती हैं जिसपे उसका आशियाना होता है, यही एक मुहब्बत है जो वह अपनी मां और बहन से नहीं कर सकता , और यही मुहब्बत एक मियां बीवी के दरमियान पुल की हैसियत रखती है,

ये कोई ऐब नहीं के जिसका ताना दिया जाए, संजीदगी से गौर किया जाए तो इस रिश्ते के इलावा औरत से मर्द का ताल्लुक क्या है ?? यही वह अमल है जिससे वह मौदत (Term) वा रहमत Generate होती है, जिसका हवाला अल्लाह ने कुरआन में दिया है,

[ وَمِنْ آيَاتِهِ أَنْ خَلَقَ لَكُم مِّنْ أَنفُسِكُمْ أَزْوَاجًا لِّتَسْكُنُوا إِلَيْهَا وَجَعَلَ بَيْنَكُم مَّوَدَّةً وَرَحْمَةً ۚ إِنَّ فِي ذَٰلِكَ لَآيَاتٍ لِّقَوْمٍ يَتَفَكَّرُونَ۔ (الروم ـ 21)

"और अल्लाह की निशानियों में से ये भी है के उसने तुम्हारी जिंस से बीवियां बनाई ताकि तुम उनसे सुकून पाओ और रखी तुम्हारे दरमियान मौदत और रहमत, इसमें बड़ी निशानियां हैं गौर वा फिक्र करने वाले लोगों के लिए "

इसी जिंसी ताल्लुक की मौदत और रहमत की कुव्वत से इंसान खम ठोक कर हर रिश्ते के सामने खड़ा हो जाता है, पैदा करनें वाली मां, एक प्लेट में खाकर साथ पलने वाली बहनों और पालने वाले बाप की आंखों में आंखें डालकर बीवी का दिफा करता है,जो औरत जिंसी तौर पर शौहर को दूर कर देती है वह दरअसल बहुत बड़ी गलती करती है

अपने बनाओ सिंगार, अपनी आदत और मायेनी खेज़ जुमलेबाजी के जरिए शौहर के जिंसी जज्बे को मुश्ताअल और वर्किंग पोजीशन में रखने वाली ही कामयाब बनती है, यही एक रिश्ता है, दूसरी, तीसरी बीवी का रिश्ता रोकने का ,

नशे को जबतक करीब तरीन दुकान से नशा दस्तयाब रहता है वह कभी दूर की दुकान पर नहीं जाता , इसको रसूल अल्लाह मुहम्मद सल्लालाहु अलैहि वसल्लम ने एक ही जुमले में अदा फरमा दिया ,

" जब शौहर उसको देखे तो वह उसको खुश कर दे"

साभार: Umair Salafi Al Hindi
Blog: islamicleaks